ज़ी मीडिया ब्यूरो/एजेंसी
नई दिल्ली : भारत और चीन का मानना है कि सीमा मुद्दे को आपसी रिश्ते में रोड़ा अटकाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने शनिवार को यह बात कही। दो दिनों की चीन यात्रा से लौटने के बाद खुर्शीद ने कहा कि दोनों देशों ने लद्दाख में हाल ही में हुए चीनी अतिक्रमण पर चर्चा की।
विदेश मंत्री ने कहा, `दोनों देशों का मानना है कि हमारा विचार और हमारी प्रतिबद्धता भारत और चीन के बीच व्यापक परिप्रेक्ष्य के लिए है और हम समान रूप से दृढ़ संकल्पित हैं कि ऐसी घटनाओं को राह में आने और हमारे रिश्तों में हो रहे सार्थक विकास में रोड़ा अटकाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।` खुर्शीद ने कहा कि उन्होंने यह मामला चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग के सामने भी उठाया। चीनी प्रधानमंत्री 20 मई को भारत की यात्रा पर आ रहे हैं।
विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने खुलासा किया कि सीमा रक्षा सहयोग समझौते (बीडीसीए) पर भारत ने चीन को जवाबी प्रस्ताव दिया है। उनकी यह यात्रा हाल में लद्दाख में चीनी घुसपैठ की पृष्ठभूमि में हुई है। खुर्शीद ने यह भी कहा कि पहली बार चीन ने सीमा के आर-पार बहने वाली नदियों से जुड़े मुद्दों के निबटने के लिए तंत्र के विस्तार संबंधी भारत की मांग पर संवेदनशीलता दिखायी।
उन्होंने कहा कि चीन ने सीमा रक्षा सहयोग समझौते पर एक प्रस्ताव दिया है जिस पर भारत ने भी जवाबी प्रस्ताव दिया। अब दोनों देशों इन प्रस्तावों पर गौर कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘कुछ समय पहले चीन ने सीमा रक्षा सहयोग समझौते पर एक प्रस्ताव रखा, हमने भी अपने सुझाव दिए।’ हालांकि उन्होंने भारतीय प्रस्ताव का ब्यौरा नहीं दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये प्रस्ताव किसी वर्तमान प्रस्ताव का स्थान लेने के लिए नहीं है। बीडीसीए के तहत चीन ने दोस्ताना संपर्क के विस्तार और दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच अधिक संवाद का प्रस्ताव रखा है जिससे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर किसी गलतफहमी या किसी तनाव से बचने में मदद मिलेगी।
सलमान खुर्शीद
भारत-चीन के रिश्तों पर नहीं पड़नी चाहिए सीमा मुद्दे की छाया : खुर्शीद
भारत और चीन का मानना है कि सीमा मुद्दे को आपसी रिश्ते में रोड़ा अटकाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने शनिवार को यह बात कही।
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