महाकुंभ नहीं पहुंच पाने का दलाईलामा को मलाल

तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा को इलाहाबाद के महाकुंभ में न पहुंचने का आज भी काफी मलाल है हालांकि मथुरा पहुंचकर यह कमी काफी हद तक पूरी हुयी है।

मथुरा : तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा को इलाहाबाद के महाकुंभ में न पहुंचने का आज भी काफी मलाल है हालांकि मथुरा पहुंचकर यह कमी काफी हद तक पूरी हुयी है।
वे यहां गोकुल में यमुना किनारे रमण रेती आश्रम में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए आये थे।
मंगलवार को संवाददाताओं के साथ बातचीत में उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें गत माह इलाहाबाद कुंभ में नहीं पहुंच पाने का मलाल आज भी है। हालांकि उन्होंने कहा कि मथुरा में यमुना किनारे रमण रेती में बह रही ज्ञान गंगा में भी उन्हें वैसा ही अनुभव हो रहा है जैसा शायद वहां पहुंचने पर होता।
उन्होंने यमुना की पवित्रता बनाए रखने के लिए ब्रजवासियों द्वारा चलाई जा रही ‘यमुना मुक्ति पदयात्रा’ की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सभी नदियों में प्रवाह रहना आवश्यक है। गंगा-यमुना केवल नदी नहीं है, हमारी श्रद्धा व आस्था से जुड़ी संरचनाएं हैं, जीवनधारा हैं।
दलाई लामा ने कहा कि भारत में सभी धर्मों को समान प्रश्रय मिलना, यहां की उदार संस्कृति और बौद्धिक जीवंतता का प्रमाण है। (एजेंसी)

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