यूएस से 145 होवित्‍जर तोपों की खरीद को मंजूरी

रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को 145 अल्ट्रा-लाइट होवित्जर तोपों को खरीदने के सेना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। सेना का 3000 करोड़ रुपये का यह प्रस्ताव काफी समय से लम्बित था।

ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

 

नई दिल्‍ली : रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को 145 अल्ट्रा-लाइट होवित्जर तोपों को खरीदने के सेना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। सेना का 3000 करोड़ रुपये का यह प्रस्ताव काफी समय से लम्बित था। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि पिछले 27 वर्षों में यह पहली बार है जब सेना तोपों को खरीदारी करने जा रही है। वर्ष 1980 के अंत में बोफोर्स तोप सौदे में दलाली का मामला सामने आने के बाद से सेना को नए तोप नहीं मिले थे।

 

रक्षा मंत्री एके एंटनी की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने एम777 बीएई सिस्टम तोपों के सौदे को मंजूरी दी। इन तोपों की खरीदारी 'फॉरेश मिलिट्री सेल्स' (एफएमएस) के जरिए अमेरिका से की जाएगी। ज्ञात हो कि सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने सैन्य साजो-सामान में कमी का हवाला देते हुए गत मार्च में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा था। इसके बाद इस सौदे को मंजूरी दी गई है। वजन में हल्की 155 मिलीमीटर 39-कैलिबर तोप को हवाई जहाज से आसानी ले जाया जा सकता है। इन तोपों को चीन सीमा से लगे जम्मू एवं कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र एवं पूर्वोत्तर के पर्वतीय इलाकों में तैनात किया जाएगा।


अमेरिका के बीएई सिस्टम्स द्वारा निर्मित एम 777 तोपों को आसानी से हवाई जहाज द्वारा लाया ले जाया जा सकता है और पर्वतीय क्षेत्रों में तेजी से तैनात करने में इस्तेमाल किया जा सकता है। इन तोपों की खरीद को डीआरडीओ प्रमुख वी के सारस्वत की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति ने हरी झंडी दी थी। डीएसी ने सेना की जिन अन्य परियोजनाओं को हरी झंडी दी है उनमें 300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से टी-90 टैंकों के लिए सिमुलेटर और 90 करोड़ रुपये की लागत से 300 पानी टैंकर खरीदना भी शामिल है। रक्षा मंत्रालय ने जिन वस्तुओं की खरीद को आज हरी झंडी दी उसमें सेना के तोपखाने, बख्तरबंद और हवाई रक्षा शाखा के लिए हार्डवेयर खरीदना भी शामिल है।

 

सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे अपने पत्र में अपने बल की तैयारियों के बारे में सवाल उठाए थे और इन तीनों शाखाओं में उपकरणों की गंभीर कमी का सामना करने का उल्लेख किया था। डीएसी ने 480 करोड़ रुपये की लागत से नया कैडेट प्रशिक्षण जहाज बनाने के नौसेना के प्रस्ताव और 350 करोड़ रुपये की लागत से 300 हवाई लक्ष्यों के लिए वायु सेना और सेना के संयुक्त प्रस्तावों को भी स्वीकृति दे दी।

 

जानकारी के अनुसार, इन तोपों की खरीद कथित तौर पर अमेरिकी सरकार के विदेश सैन्‍य बिक्री कार्यक्रम के तहत की जाएगी। गौर हो कि अल्‍ट्रा लाइट फील्‍ड होवित्‍जर ने एम-777 को अमेरिका में डिजाइन किया और साल 1977 में अमेरिकी सेना और मरीन कार्प्‍स ने संयुक्‍त रूप से एम-198 तोपों के विकल्‍प के तौर पर इसका चयन किया। एम-777 तोपों को अमेरिकी सेना और मरीन कार्प्‍स ने दिसंबर, 2007 में अफगानिस्‍तान और साल 2008 में ईराक में तैनात किया।

(एजेंसी)

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