'सलाहकारों, उपाध्यक्षों की नियुक्ति वैध'

जम्मू कश्मीर सरकार ने कहा है कि विभिन्न बोर्ड में सलाहकार और उपाध्यक्षों के पद पर राजनीतिज्ञों की नियुक्ति कानूनी रूप से वैध और संविधान के दायरे में है ।

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर सरकार ने कहा है कि विभिन्न बोर्ड में सलाहकार और उपाध्यक्षों के पद पर राजनीतिज्ञों की नियुक्ति कानूनी रूप से वैध और संविधान के दायरे में है ।

 

कानून और संसदीय मामलों के मंत्री अली मोहम्मद ने सरकार की ओर से जारी किये गये एक बयान में कहा, ‘राज्य सरकार द्वारा विभिन्न बोर्ड के सलाहकारों और उपाध्यक्षों के पद पर की गई नियुक्ति संविधान के मानकों और राज्य के कानून के अनुरूप है और राज्य के संविधान के मुताबिक भी ये वैध हैं ।’ सागर ने कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार राज्य जवाबदेही आयोग द्वारा इन नियुक्तियों पर जारी किए गए नोटिस का अध्ययन कर रही है ।

 

सागर ने कहा, ‘हम एसएसी के नोटिस का का अध्ययन कर रहे हैं और नियमों के मुताबिक इसका जवाब देंगे । नियुक्तियां कानूनी रूप से वैध हैं और राज्य के संविधान के मुताबिक हैं ।’ एसएसी ने शुक्रवार को राज्य सरकार से कहा था कि वह इस बात को स्पष्ट करे कि उसने किस तरह से मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकारों और विभिन्न बोडरे के उपाध्यक्षों को मंत्री का दर्जा दे दिया ।

 

 

सागर ने कहा कि किसी भी सलाहकार या उपाध्यक्ष के खिलाफ भ्रष्टाचार के कोई आरोप नहीं हैं जिससे उन्हें इस्तीफा देना पड़े । उन्होंने कहा, ‘नियुक्तियां संवैधानिक और कानूनी रूप से वैध हैं इसलिये उनके पद छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता ।’ सागर ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है कि सलाहकारों और उपाध्यक्षों की नियुक्तियां की गई हैं और पहले भी विभिन्न सरकारों के कार्यकाल के दौरान ऐसा हो चुका है ।

 

सागर ने कहा, ‘हम राज्य जवाबदेही आयोग का सम्मान करते हैं और जम्मू कश्मीर सरकार राज्य के रूख को कानून के मुताबिक स्पष्ट करेगी ।’  (एजेंसी)

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