ज़ी मीडिया ब्यूरो/बिमल कुमार
नई दिल्ली : सीमा पर गहराए तनाव के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की ओर से भारत-पाक के बीच संबंधों की `नई शुरुआत` की अपील के बाद केंद्र ने मंगलवार को पाकिस्तान से कहा कि पहले वह नई दिल्ली के सवालों का जवाब दें। पाक को यह कड़ा संदेश दिया गया कि नियंत्रण रेखा पर बीते दिनों पांच भारतीय सैनिकों की हत्या और निरंतर सीजफायर उल्लंघन को लेकर पाकिस्तान पहले अपनी मंशा स्पष्ट करे।
भारत ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि जब तक सीमा पर शांति नहीं होगी तब तक वार्ता का सवाल ही नहीं उठता है। भारत के इस रुख के बाद न्यूयॉर्क में नवाज शरीफ और मनमोहन सिंह के बीच होने वाली मुलाकात पर संशय उत्पन्न हो गया है।
नई दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैय्यद अकबरुद्दीन ने कहा कि हम पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दोस्ती का हाथ का स्वागत करते हैं। हालांकि, हम पाकिस्तान से यह कहना चाहते हैं कि इस्लामाबाद की ओर से नई दिल्ली की चिंताओं पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया और पाक इसमें विफल रहता है तो कोई वार्ता नहीं होगी। अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान से यह भी सवाल किया कि नियंत्रण रेखा पर बीते दिनों मारे गए पांच भारतीय सैनिकों पर शीघ्र अपनी प्रतिक्रिया दे।
नवाज ने पाक के एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि आइए हम मिलकर नई शुरुआत करें. आइए हम साथ बैठकर दोस्ताना रवैये के साथ सारे मुद्दों को सुलझाएं।
पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम पाक के नए निर्वाचित प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता का स्वागत करते हैं, जिसमें उन्होंने शांति एवं सहयोग की बात की है। साथ ही, हम यह भी स्पष्ट करना चाहते हैं कि सैनिकों की हत्या पर पाकिस्तान के कोई जवाब नहीं देने पर वार्ता का सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने इस बात को लेकर भी पाक को सतर्क किया कि नियंत्रण रेखा पर उकसावे वाली कार्रवाई के तहत सीजफायर का उल्लंघन नहीं थमा तो निश्चित तौर पर द्विपक्षीय रिश्तों पर असर पड़ेगा। भारत ने कड़े शब्दों मे पाक से कहा है कि सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन बंद होना चाहिए।
अकबरुद्दीन ने पाक से यह भी कहा कि 26/11 हमले के दोषियों के खिलाफ वह शीघ्र कार्रवाई करे और उसे जल्द न्याय के दायरे में लाए। अकबरुद्दीन ने कहा कि फिलहाल जो माहौल है वो बातचीत के लिए माकूल नहीं है। पाकिस्तान को सबसे पहले LOC पर हुई भारतीय जवानों की हत्या पर जवाब देना होगा। इसके अलावा 26/11 मुंबई हमले के दोषियों को सजा देनी होगी तभी रिश्तों में फिर से विश्वास कायम हो सकता है।
गौर हो कि मंगलवार को पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत के साथ बातचीत की पेशकश की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के बयान से साफ है कि फिलहाल भारत पड़ोसी देश पाकिस्तान के पीएम की इस पहल को गंभीरता से नहीं ले रहा है।
वहीं, भारत ने आज स्पष्ट संकेत दिए कि नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के सैनिकों द्वारा इसके सैनिकों की हत्या से दोनों देशों के बीच सचिव स्तरीय वार्ता में विलंब होगा। भारत ने कहा कि हिंसा और आतंक से मुक्त वातावरण में ही वार्ता हो सकती है। इसने पाकिस्तान से नियंत्रण रेखा की पवित्रता बनाए रखने को भी कहा। भारत ने कहा कि दोनों देशों के बीच यह सबसे महत्वपूर्ण विश्वास बहाली के उपाय हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री द्वारा सार्वजनिक रूप से दिए गए बयान का पाकिस्तान को पालन करना चाहिए जिसमें भारत के साथ शांति, मित्रता और सहयोग बनाने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी जमीन को भारत विरोधी गतिविधियों के लिए अनुमति नहीं देनी चाहिए।