चौरासी कोसी परिक्रमा पर बंदिश को चुनौती, आदेश सुरक्षित

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ ने अयोध्या की चौरासी कोसी परिक्रमा के सिलसिले में दंड प्रक्रिया संहिता के तहत जारी किये गये आदेशों की वैधता को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर आज सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया।

लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ ने अयोध्या की चौरासी कोसी परिक्रमा के सिलसिले में दंड प्रक्रिया संहिता के तहत जारी किये गये आदेशों की वैधता को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर आज सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया।
न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तजा तथा न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय की खण्डपीठ के समक्ष ‘हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस’ की तरफ से सात स्थानीय वकीलों द्वारा दायर इस याचिका पर सुनवाई हुई।
याचिका में चौरासी कोसी परिक्रमा के मद्देनजर फैजाबाद, बाराबंकी, बस्ती, गोण्डा तथा अम्बेडकरनगर आदि के जिलाधिकारियों द्वारा शांति व्यवस्था बहाल रखने के मद्देनजर धारा 144 के तहत जारी आदेशों को रद्द किये जाने का आग्रह किया गया है।
याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने दलील दी कि संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत याचियों तथा अन्य श्रद्धालुओं को धार्मिक स्वतंत्रता और धार्मिक क्रियाकलाप करने की पूरी आजादी है। ऐसे में वे कभी भी किसी भी तीर्थस्थल की परिक्रमा कर सकते हैं। ऐसे में शांति व्यवस्था बनाये रखने के नाम पर धारा 144 लगाकर अयोध्या तथा चौरासी कोसी क्षेत्र में पड़ने वाले जिलों के श्रद्धालुओं को परिक्रमा में शिरकत नहीं करने देना, उनकी धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
उधर, राज्य सरकार की तरफ से अपर शासकीय अधिवक्ता मधुलिका यादव का कहना था कि धारा 144 के तहत जिलाधिकारियों द्वारा जारी किये गये आदेश पूरी तरह वैधानिक हैं क्योंकि उन्हें सूचनाएं मिली थीं कि परिक्रमा के कारण वहां शांति व्यवस्था भंग हो सकती है। अदालत ने सुनवाई के बाद याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित कर लिया। (एजेंसी)

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