हैदराबाद : सीबीआई की एक विशेष अदालत ने अपनी कंपनियों में कथित रूप से परस्पर अनुवर्ती निवेशों के एक मामले में जेल में बंद वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख वाई एस जगनमोहन रेड्डी की जमानत याचिका पर अपना फैसला 23 सितंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया।
सीबीआई ने जगन की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यदि उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया तो वह इस मामले की सुनवाई को प्रभावित कर सकते हैं। जगन ने 11 सितंबर को अदालत में जमानत याचिका दायर करते हुए कहा था कि उच्चतम न्यायालय ने मामले में उनके खिलाफ सीबीआई जांच पूरी करने के लिए चार महीने की समयसीमा निर्धारित की थी जो नौ सितंबर को पूरी हो गई थी।
जगन ने अपनी याचिका में कहा था कि आंध्रप्रदेश के प्रस्तावित विभाजन को लेकर तटीय आंध्र और रायलसीमा इलाकों में जारी विरोध के मद्देनजर उनका लोगों के बीच रहना और एक राजनीतिक दल के नेता के तौर पर आंदोलन का नेतृत्व करना आवश्यक है। सीबीआई के वकील ने दलील दी कि उच्चतम न्यायालय का निर्देश जांच पूरी होने के संबंध में था और याचिकाकर्ता स्वत: ही जमानत पर रिहाई का हकदार नहीं हो जाता।
सीबीआई ने याचिका के जवाब में दिए अपने हलफनामे में कहा कि याचिकाकर्ता बेहद प्रभावशाली व्यक्ति है और यदि उसे जमानत पर रिहा कर दिया जाता है तो इससे जांच की प्रक्रिया बाधित होगी। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका पर अपना निर्णय 23 सितंबर तक सुरक्षित रख लिया।
केंद्रीय एजेंसी ने कडप्पा सांसद जगन मोहन और दो अन्य के खिलाफ कल दो और आरोप पत्र दायर किए। इसके साथ ही इस मामले में अब तक 10 आरोप पत्र दायर किए जा चुके हैं।
सीबीआई ने जगनमोहन को आय से अधिक संपत्ति के मामले में पिछले वर्ष 27 मई को गिरफ्तार किया था। उन्हें यहां चंचलगुडा केंद्रीय कारागार में रखा गया था। वह 20 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में हैं। (एजेंसी)
वाईएसआर कांग्रेस
जगन की जमानत पर 23 सितंबर तक फैसला सुरक्षित
सीबीआई की एक विशेष अदालत ने अपनी कंपनियों में कथित रूप से परस्पर अनुवर्ती निवेशों के एक मामले में जेल में बंद वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख वाई एस जगनमोहन रेड्डी की जमानत याचिका पर अपना फैसला 23 सितंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया।
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