मथुरा : बाबा जयगुरुदेव के देहावसान के बाद उनकी संस्था तथा आश्रम की करोड़ों-अरबों की संपत्ति की चलते उत्तराधिकार का मामला गरमा गया है। इसके कारण दो पक्षों में टकराव की स्थिति बन गई है। एक पक्ष द्धारा अपने समर्थकों सहित आश्रम पर डंडे और झंडे के साथ हमला किए जाने का ऐलान किए जाने के बाद जिला प्रशासन भी इस मामले को लेकर खासा सतर्क हो गया है।
दूसरी ओर फिलहाल आश्रम पर काबिज पक्ष ने जयगुरु धर्म प्रचारक संस्था के उपाध्यक्ष के खिलाफ कार्यालय पर पहुंकर कार्यालय सचिव को धमकाकर जरूरी कागजात ले जाने का मुकदमा दर्ज कराया है।
गौरतलब है कि बीती 18 मई को तुलसीदास उर्फ बाबा जयगुरुदेव की मृत्यु के बाद उनके एक अनुयायी चरण सिंह यादव एडवोकेट के पुत्र पंकज यादव ने उन्हें मुखाग्नि दी थी। 13वीं के दिन पगड़ी की रस्म पूरी कर पंकज यादव को ही उत्तराधिकारी घोषित कर दिया गया था। जिस पर अन्य पक्षों द्वारा ऐतराज किये जाने के साथ ही शिष्यों में उत्तराधिकार के मसले पर सुगबुगाहट शुरू हो गई।
इसपर बाबा के अत्यंत निकटस्थ रहे एक शिष्य उमाकांत तिवारी के गुट ने कुछ दिन पूर्व अजमेर में सम्मेलन कर तिवारी को ही बाबा का उत्तराधिकारी घोषित कर 10 जून को सभी शिष्यों से मथुरा पहुंचकर आश्रम पर कथित रूप से अवैध कब्जा किये लोगों को हटाने का आह्वान किया था। (एजेंसी)
बाबा जयगुरुदेव
बाबा जयगुरुदेव के उत्तराधिकार पर बवाल
बाबा जयगुरुदेव के देहावसान के बाद उनकी संस्था तथा आश्रम की करोड़ों-अरबों की संपत्ति की चलते उत्तराधिकार का मामला गरमा गया है। इसके कारण दो पक्षों में टकराव की स्थिति बन गई है।
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