रेजीडेंट डॉक्टरों के लिए बनाया जाए नया हॉस्टल: RML

राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) के 600 रेजीडेंट डाक्टरों में से फिलहाल केवल एक चौथाई को ही हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध है और ऐसे में अस्पताल ने इस आवास समस्या के हल के लिए केंद्र के समक्ष इन डॉक्टरों के लिए नए हॉस्टल बनाने का प्रस्ताव रखा है।

नई दिल्ली : राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) के 600 रेजीडेंट डाक्टरों में से फिलहाल केवल एक चौथाई को ही हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध है और ऐसे में अस्पताल ने इस आवास समस्या के हल के लिए केंद्र के समक्ष इन डॉक्टरों के लिए नए हॉस्टल बनाने का प्रस्ताव रखा है। अस्पताल में काम कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि यहां 600 से अधिक डॉक्टर हैं, लेकिन हॉस्टल में केवल 146 कमरे ही उपलब्ध हैं।
आरएमएल के निदेशक एवं चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एच के कर भी कहते हंै कि हॉस्टल में रेजीडेंट डॉक्टरों के लिए कमरों की कमी है। हालांकि उन्होंने कहा कि नए कमरे बनाने के प्रस्ताव पर विचार चल रहा है।
डॉ. कर ने कहा, ‘‘हमने खास इन रेजीडेंट डॉक्टरों के लिए 220 कमरों का एक नया हॉस्टल ब्लॉक बनाने का प्रस्ताव केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पास भेज रखा है। उच्च अधिकारियों द्वारा मंजूरी मिलते ही इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया जाएगा।’’ वहीं पैथालॉजी विभाग के वरिष्ठ रेजीडेंट डॉक्टर और रेजीडेंट डॉक्टरों के संघ के अध्यक्ष डॉ. धीरेंद्र कुमार ने कहा कि नए हॉस्टल बनाने की बजाए अधिकारी एक कमरे में दो डॉक्टरों के रहने की व्यवस्था करके कामचलाउ इंतेजाम करने में लगे हुए हैं।
डॉ. कुमार ने कहा कि डॉक्टरों की आवास व्यवस्था अस्पताल परिसर में ही करने की आवश्यकता है, क्योंकि इनमें से ज्यादातर और खासकर क्लिनिकल विभाग के डाक्टरों को कभी कभी 24 से 48 घंटों तक लगातार ड्यूटी करनी पड़ जाती है और आपात चिकित्सा सेवा भी देनी पड़ती है। हालांकि शहर के दूसरे चिकित्सा संस्थानों में भी ऐसी ही समस्याएं हैं, लेकिन आरएमएल अस्पताल के आस पास के क्षेत्र में निजी आवास काफी कमी है, जो यहां के रेजीडेंट डाक्टरों की समस्या को और बढ़ा देता है।
कुमार ने कहा, ‘‘संस्थान के चारों और वरिष्ठ नौकरशाहों और सांसदों के आवास हैं और इस कारण यहां के रेजीडेंट डॉक्टरों के लिए निजी आवास की काफी कमी है। इस कारण यहां के डॉक्टरों को संस्थान के निकट आवास नहीं मिल पाते हैं।’’ (एजेंसी)

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