सियासी अनिश्चितता के बीच कर्नाटक विस. सत्र आज से

कर्नाटक में बी एस येदियुरप्पा की पार्टी से निष्ठा रखने वाले बीजेपी के 13 विधायकों के त्यागपत्र के बाद राजनीतिक अनिश्चितता के बीच राज्य विधानमंडल का संयुक्त सत्र आज से शुरू होगा।

बैंगलुरु: कर्नाटक में बी एस येदियुरप्पा की पार्टी से निष्ठा रखने वाले बीजेपी के 13 विधायकों के त्यागपत्र के बाद राजनीतिक अनिश्चितता के बीच राज्य विधानमंडल का संयुक्त सत्र आज से शुरू होगा।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने भाजपा छोड़कर कर्नाटक जनता पार्टी का गठन करने वाले येदियुरप्पा की ओर से अपनी सरकार को कोई खतरा की बात खारिज किया है। शेट्टार ने जोर देकर कहा कि उनके पास अब भी बहुमत है और वह इसे विधानसभा में साबित कर सकते हैं। राज्यपाल एच आर भारद्वाज ने कहा कि वह आज बजट सत्र के पहले दिन विधानमंडल को संबोधित करेंगे।
भारद्वाज ने कर्नाटक विधानसभाध्यक्ष के जी बोपैया से यहां राजभवन में मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि मैं आज सदन आहूत करूंगा और उसे संबोधित करूंगा। भारद्वाज ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि येदियुरप्पा से निष्ठा रखने वाले 13 भाजपा विधायकों के त्यागपत्र के बाद किसी भी पार्टी ने अभी तक उनसे शेट्टार मंत्रिमंडल से बहुमत साबित करने के लिए कहने की मांग नहीं की है।
भारद्वाज ने गत 26 जनवरी को कहा था कि जगदीश शेट्टार सरकार को अभी भी बहुमत प्राप्त है, भाजपा विधायक दल के नेता के तौर पर विधायकों के त्यागपत्र के मुद्दे पर कार्रवाई करने का काम उनका है। 224 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास विधानसभाध्यक्ष को छोड़कर 117 सदस्य है तथा बहुमत के लिए 113 सदस्यों की आवश्यकता है। यदि ये त्यागपत्र स्वीकार कर लिये जाते हैं तो सदन में भाजपा के सदस्यों की संख्या विधानसभाध्यक्ष सहित 104 रह जाएगी। भाजपा के पास सात निर्दलीयों में से एक का समर्थन प्राप्त है जो मंत्री है।
भाजपा के विधायकों के त्यागपत्र के चलते 14 पद रिक्त होने के कारण सदन का प्रभावी संख्या हालांकि 210 है। कांग्रेस सदस्यों की संख्या 71 और जनता दल सेक्युलर की 26 है। सदन में छह सदस्य निर्दलीय हैं।
येदियुरप्पा के भाजपा छोड़ने और कर्नाटक जनता पार्टी गठित करने के बाद से ही शेट्टार सरकार पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। भाजपा के पूर्व दिग्गज येदियुरप्पा का दावा है कि उन्हें 20.30 भाजपा विधायकों का समर्थन प्राप्त है तथा वह यह दावा करके भाजपा सरकार को चेतावनी देते रहे हैं। उनकी पार्टी सरकार को गिराने के लिए पूर्व में दो बार समयसीमा तय कर चुकी है लेकिन वे कोई बड़ा धमाका नहीं कर पाये।
शेट्टार ने इन चेतावनियों को खारिज करके गत सप्ताह जोर देकर कहा था कि विधायकों के त्यागपत्र के बावजूद उनकी सरकार को बहुमत हासिल है और विपक्ष यदि अविश्वास प्रस्ताव लाता है तो वह उसका सामना करने को तैयार हैं। (एजेंसी)

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