ज़ी न्यूज ब्यूरो
लखनऊ/बाराणसी: एनआरएचएम घोटाले की आंच अब उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती तक पहुंच सकती है और इस मामले में उनकी भूमिका की जांच हो सकती है। यूपी के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने खुलासा किया है कि एनआरएचएम घोटाले में सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का नाम भी शामिल है। उन्होंने कहा कि मायावती परिवार कल्याण मंत्री रह चुकी हैं। इस घोटाले में मायावती की भूमिका के दृष्टिगत इस पूरे मामले की गहराई से जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि अब सीबीआई तय करे कि आगे क्या करना है।
वहीं, वहीं, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि एनआरएचएम घोटाले की जांच जारी है और जांच एजेंसी (सीबीआई) इस मामले की परत खोलने में जुटी है। इस घोटाले में शामिल सभी लोगों की भूमिका की जांच जरूरी है।
अहमद हसन ने कहा है कि एनआरएचएम घोटाले में पूर्व सीएम से लेकर सीएमओ तक जेल जाएंगे। बसपा सरकार ने घोटाले पर घोटाला कर प्रदेश की दिशा व दशा बिगाड़कर रख दी। हसन बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट पहुंचे थे। परिसर में ही उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ संक्षिप्त बैठक की और उन्हें ईमानदारी से ड्यूटी करने का पाठ पढ़ाया । इसके बाद पत्रकारों से अनौपचारिक मुलाकात में उन्होंने कहा कि शासन से जारी निर्देशों का अक्षरश: पालन करने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है। उन्होंने कहा कि सूबे के अस्पतालों में चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ की कमी महसूस की जा रही है। रिक्तियां भरने की कवायद शुरू हो गई है।
उन्होंने दावा किया कि पूर्व बसपा सरकार की तरह पोस्टिंग व प्रभार के लिए धन उगाही नहीं होगी। उन्होंने कहा कि शाहजहांपुर के सीएमओ समेत अन्य चार जिलों के सीएमओ को कार्य में लापरवाही के चलते निलंबित कर दिया गया है। इसे स्थानीय अधिकारी चेतावनी समझें और समय रहते सुधर जाएं। उन्होंने कहा कि गंगा सफाई पार्टी के एजेंडे में है। केंद्र सरकार का सकारात्मक सहयोग मिले तो स्वच्छ गंगा का सपना साकार होने में देर नहीं होगी ।