‘रॉकस्टार’ के 'जॉर्डन' में दिखता है जुनून

वैसे युवा फिल्मकारों में यह इम्तियाज अली की चौथी फिल्म है, मगर उन्होंने फिल्म की कथा और प्रेम को जिस गहराई से दिखाया है, वही इसे अलग बनाता है।

ज़ी न्यूज ब्यूरो

नई दिल्ली : 11.11.11 को एक खास दिन माना गया, जिस दिन दुनिया भर के लोग कुछ अलग करने का मन बना बैठे थे। बॉलीवुड में भी इस दिन इम्तियाज अली की फिल्म 'रॉकस्टार' रिलीज हो रही थी। मुख्य किरदार में रणबीर कपूर पहले से ही छाए हुए थे। लेकिन इम्तियाज अली के नाम की चर्चा इसलिए क्योंकि उनकी फिल्मों का मूल रूप प्रेम कहानियां होती हैं और युवाओं को आकर्षित करती हैं।

 

इस फिल्म का युवाओं को भी इंतजार था क्योंकि इसके स्टार रणबीर है और निर्माण इम्तियाज अली ने किया है। एक साधारण युवा के रूप में रणबीर ने दिल्ली के मध्यम वर्गीय परिवार के लड़के 'जॉर्डन' की भूमिका निभाई है। जॉर्डन एक बड़ा रॉकस्टार बनना चाहता है लेकिन अपने सपने को पूरा करने के लिए क्या-क्या नहीम सहना पड़ता है, उसे यह महसूस होता है। जॉर्डन को यह जान पाता है कि रॉकस्टार बनने के लिए दर्द झेले बिना कुछ नहीं होता। जॉर्डन के किरदार में रणबीर कपूर खूब जमे हैं। बेशक रणबीर ने अब तक के अपने फिल्मी करियर में इस फिल्म में सबसे बेहतरीन काम किया। सीधे-सादे जनार्दन से लाखों के चहेते रॉकस्टार बने जॉर्डन के रोल में रणबीर ने जबर्दस्त मेहनत की है, जिसे फिल्म देखने के बाद ही महसूस किया जा सकता है।

 

वैसे युवा फिल्मकारों में यह इम्तियाज अली की चौथी फिल्म है, मगर उन्होंने फिल्म की कथा और प्रेम को जिस गहराई से दिखाया है, वही इसे अलग बनाता है। रणबीर को इस रूप में देखना और भी अच्छा लगता है। चॉकलेटी इमेज के साथ ही वो लड़कियों की भी पसंदीदा अभिनेता है जिसे ‘रॉकस्टार’ की नायिका ‘हीर’ यानी नर्गिस फाखरी के साथ देखा जा सकता है।

 

फिल्म के शुरु में हीर से जार्डन का प्रेम खूब चलता है और वह हीर से उत्कट प्रेम भी करता है, पर रॉकस्टार बनने के बाद उसके साथ जी नहीं सकता। वह अंदर से छीजता जाता है। वह सब कुछ हासिल कर लेने के बाद भी अंदर से खाली हो जाता है, क्योंकि उसकी हीर तो किसी और की हो चुकी है। जॉर्डन भी भटकता रहता है और हीर से मिलकर भी नहीं मिल पाता। रॉकस्टार जनार्दन के जॉर्डन बनने की भी कहानी है। एक संगीतज्ञ और कलाकार की जेनेसिस  के रूप में इसे देखें तो पाएंगे कि साधारण व्यक्ति की जिंदगी  की साधारण घटनाएं ही कई बार व्यक्ति के अंदर असाधारण विस्फोट करती हैं और उसे विशेष बना देती है। रूपांतरण की यह घटना आकस्मिक नहीं होती। कलाकार इससे अनजान रहता है। जॉर्डन के जीवन का द्वंद्व, विरोधाभास और सब कुछ हासिल कर उन्हें गंवा देने की सहज प्रवृत्ति अविश्वसनीय होने के बावजूद स्वाभाविक है।

 

'रॉकस्टार' एक विलक्षण प्रेम कहानी भी है। हीर और जॉर्डन के बीच प्रेम पनपता है तो वह नैतिकता और अनैतिकता  ही परवाह नहीं करता। दोनों अपने प्रेम की अनैतिकता  को जानते हुए भी उसमें डूबते जाते हैं, क्योंकि वे विवश हैं। उनका रिश्ता सही और गलत के परे है। फिल्म की स्क्रिप्ट थोड़ी उलझाती जरूर है पर अंत तक कहानी सब बयां कर देती है।

 

यह फिल्म सिर्फ रणबीर कपूर के लिए भी देखी जा सकती है। रणबीर अपनी पीढ़ी के समर्थ और सक्षम अभिनेता हैं। उन्होंने जनार्दन की सादगी और जॉर्डन की तकलीफ को अचछी तरह चित्रित किया है। वे एक कलाकार के दर्द, चुभन खालीपन, निराशा, जोश, खुशी सभी भावों को दृश्य के मुताबिक जीते हैं। 'रॉकस्टार' में उनके अभिनय की विविधता दिखती है। इसमें उनके अभिनय की गहराई भी देखी जा सकती है फिर भी यह कहा जा सकता है कि उनका उत्कृष्ट प्रदर्शन आना अभी बाकी है। स्टार पुत्र की इमेज से हटकर उन्हें जो कुछ खास करने की जरूरूत है, वो बाखूबी कर रहे हैं।

 

फिल्म के संगीत की चर्चा पहले से है। इरशाद कामिल ने जॉर्डन की तकलीफ को उचित शब्द दिए हैं। उन्हें एआर रहमान ने भावपूर्ण संगीत से सजाया है।

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