लंदन : अगर आपको अच्छी नींद नहीं आने की समस्या है तो जागिए क्योंकि यह कम से कम 80 चिकित्सा विकारों की जननी है। अनुसंधानकर्ताओं ने दावा किया है उन्हें नींद की कमी से जुडे 86 चिकित्सा विकारों के सबूत मिले हैं। अगर नींद कम आने से निजात नहीं पाई गई तो अवसाद मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां घर कर सकती हैं। ‘द लानसेट’ चिकित्सा पत्रिका में छपे अध्ययन के अनुसार चिकित्सकों ने इन विकारों की जड़ में जाने के लिए मरीजों से उनकी नींद की दशा के बारे में जानकारी ली और इस निर्णय पर पहुंचे।
डेली मेल के अनुसार कनाडा में लावाल विश्वविद्यालय तथा अमेरिका में विसकोनसिन विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि अनिद्रा से लोगों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर ‘पर्याप्त दीर्घगामी प्रभाव ’ पडता है। उन्होंने कहा कि जांच और उस पर काबू पाने में हुई तरक्की के बावजूद अनिद्रा को हल्के में लिया जाता है और अक्सर इलाज नहीं किया जाता। इलाज करने वालों को चाहिए कि वह मरीजों से नियमित तौर पर उनकी नींद के बारे में जानकारी लें। अध्ययन के अनुसार रात को छह से आठ घंटे सोने वाले अधिक लंबा एवं स्वस्थ्य जीवन जीते हैं। इससे कम नींद लेने वाले अकाल मौत के शिकार होते हैं। कम से कम सात घंटा जरूर सोना चाहिए।
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार अनिद्रा के रोगियों में घबराहट और अवसाद के लक्षण अन्य के मुकाबले पांच गुना अधिक होते हैं। उन्हें दिल का दौरा पड़ने और मधुमेह की चपेट में आने का अधिक जोखिम होता है और अकाल मौत का भी खतरा रहता है। अध्ययन के अनुसार एंटीडिप्रेसेन्ट्स और एंटीहिस्तेमिनेस जैसी दवाओं को अनिद्रा के इलाज के रूप में अभी मान्यता मिलनी बाकी है। सुझाव है कि टेलीफोन के जरिए सलाह ग्रुप थेरेपी तथा इंटरनेट के जरिये खुद की मदद जैसे तरीके अपनाये जाने चाहिए। निद्रा विशेषज्ञ के अनुसार, स्कूलों में बच्चों उनके अभिवावकों तथा वयस्कों के लिए स्पष्ट राय के साथ नींद को लेकर अधिक ध्यान दिए जाने की जरूरत है। (एजेंसी)