2जी घोटाला: एम करूणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल को मिली जमानत

दिल्ली की एक अदालत ने आज द्रमुक सुप्रीमो एम करूणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल को जमानत दे दी। दयालु अम्माल का नाम 2 जी घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर किए गए आरोप पत्र में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए.राजा समेत अन्य लोगों के नामों के साथ शामिल था।

2जी घोटाला: एम करूणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल को मिली जमानत

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने आज द्रमुक सुप्रीमो एम करूणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल को जमानत दे दी। दयालु अम्माल का नाम 2 जी घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर किए गए आरोप पत्र में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए.राजा समेत अन्य लोगों के नामों के साथ शामिल था।

विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओ पी सैनी ने 83 वर्षीय अम्माल की जमानत याचिका पांच लाख रूपए के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत राशियों पर मंजूर की। हालांकि अदालत ने अम्माल की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने खराब स्वास्थ्य और मस्तिष्क की अस्वस्थता के आधार पर इस मामले से बरी किए जाने की अपील की थी। अदालत ने अम्माल के वकील को दो दिन के भीतर जमानत मुचलका पेश करने के लिए कहा।

न्यायाधीश ने अन्य नौ आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर भी आज फैसला सुनाना था लेकिन उन्होंने कहा कि फैसला अभी तैयार नहीं है। अदालत ने कहा कि वह आज ढाई बजे आदेश पारित करेगी। 6 अगस्त को अदालत ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए.राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा इस मामले में आरोपित किए गए अन्य लोगों की जमानत याचिका पर आदेश आज तक के लिए सुरक्षित रख लिए थे।

प्रवर्तन निदेशालय ने कुल 19 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया, जिनमें 10 लोग और 9 कंपनियां थीं। इस मामले में ईडी ने कहा था कि कथित तौर पर द्रमुक संचालित कैलेंगर टीवी को किया गया 200 करोड़ रूपए का भुगतान सही नहीं था और यह डीबी समूह कंपनियों को दूरसंचार लाइसेस दिलवाने के लिए रिश्वत थी।

एजेंसी ने कहा था कि कैलेंगर टीवी में अम्माल की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत थी जबकि कनिमोई और शरद कुमार के पास 20 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। एजेंसी ने यह भी दावा किया था कि इस मामले में उसकी जांच 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले से जुड़ी है और आरोपियों ने कथित तौर पर धन शोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत षडयंत्र और अपराध किए।

राजा और कनिमोई के अलावा ईडी ने स्वान टेलीकॉम के प्रमोटरों शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, कैलेंगार टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार, बॉलीवुड निर्माता करीम मोरानी, अम्माल और पी अमृतम को इस मामले में आरोपी बनाया था। ईडी ने स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, कुसेगांव रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड (पहले कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड), सिनेयुग मीडिया एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (पहले सिनेयुग फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड), कैलेंगार टीवी प्राइवेट लिमिटेड, डायनेमिक्स रियल्टी, एवरस्माइल कंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, कॉनवुड कंस्ट्रक्शन्स एंड डेवलपर्स (पी) लिमिटेड, डी बी रियल्टी लिमिटेड और निहार कंस्ट्रक्शन्स प्राइवेट लिमिटेड को भी इस मामले में आरोपी बनाया। जमानत याचिकाओं पर बहस के दौरान ईडी ने तर्क दिया कि आरोपियों ने पीएमएलए के प्रावधानों के तहत धनशोधन के दंडनीय अपराध किए हैं।

बचाव पक्ष के वकील ने हालांकि ईडी के दावों का विरोध करते हुए कहा कि जांच एजेंसी द्वारा दाखिल किया गया आरोप पत्र अंतर्विरोधी है और कैलेंगार टीवी को 200 करोड़ रूपए का स्थानांतरण एक सोचा समझा व्यवसायिक स्थानांतरण था। ईडी के इस आरोप पर, कि 200 करोड़ रूपए डीबी समूह कंपनी को तब वापस किए गए, जब राजा को दिसंबर 2010 में 2 जी घोटाले में पूछताछ के लिए सीबीआई ने समन कर लिया था। बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि अधिकांश धन टीवी चैनल को उससे पहले ही वापस कर दिया गया था।

राजा, कनिमोई, शाहिद बलवा, विनोद गोयनका, आसिफ बलवा, राजीव अग्रवाल, करीम मोरानी और शरद कुमार 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में भी मुकदमे का सामना कर रहे हैं। इस मामले में सीबीआई पहले आरोप पत्र दायर कर चुकी है।

 

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