मुंबई : देश से होने वाला इंजीनियरिंग निर्यात 2014-15 में 70 अरब डालर के लक्ष्य को पार कर सकता है बशर्ते ब्याज छूट की अवधि बढ़ाकर पूरे वित्त वर्ष हो जाए। यह बात ईईपीसी इंडिया ने आज कही।
इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल (ईईपीसी) इंडिया के अध्यक्ष अनुपम शाह ने एक बयान में कहा, यदि चालू वित्त वर्ष में पूरे इंजीनियरिंग क्षेत्र को 3-4 प्रतिशत की ब्याज छूट दी जाती है तो इसका इंजीनियरिंग निर्यात पर गुणात्मक असर होगा और 70 अरब डालर के लक्ष्य में 5-10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) क्षेत्र को चालू वित्त वर्ष के अंत तक 3 प्रतिशत की ब्याज छूट और 235 इंजीनियरिंग शुल्क लाईन दी गई थी।
उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि हमारी दर और अंतरराष्ट्रीय दर के बीच वित्तीय लागत के फर्क के अलावा 2014-15 के लिए इसका विस्तार होना चाहिए। हमारा यह भी मानना है कि इसका विस्तार पूरे इंजीनियरिंग क्षेत्र में होना चाहिए। वित्त वर्ष 2013-14 में कुल 62 अरब डालर का इंजीनियरिंग निर्यात हुआ था। अकेले अमेरिका को ही करीब 15 प्रतिशत का निर्यात हुआ था।