नई दिल्ली : सरकार अगले पांच साल में 55,000 गांवों को मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए 20,000 करोड़ रुपए खर्च करेगी। अभी तक ये गांव वायरलेस टेलीफोनी सुविधाओं से वंचित हैं। दूरसंचार सचिव राकेश गर्ग ने आज यह जानकारी दी।
डिजिटल भारत कार्यक्रम के तहत विभिन्न पहलों पर केंद्र व राज्यों की पहली बैठक में गर्ग ने कहा कि पहले तीन साल में सरकार इनमें से आधे गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध कराएगी।
उन्होंने कहा, सभी गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना काफी महत्वपूर्ण है। हम अगले पांच साल में 55,000 गांवों को जोड़ेंगे। इस पर 20,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। गर्ग ने कहा कि विभिन्न अनुमानों के अनुसार मोबाइल कनेक्टिविटी से वंचित गांवों की संख्या 42,000 से 55,000 के बीच है। वर्ष 2012 में तत्कालीन आईटी एवं संचार मंत्री मिलिंद देवड़ा ने राज्यसभा में बताया था कि देश में 52,271 गांवों में अभी तक मोबाइल सेवाएं नहीं हैं।
गर्ग ने कहा, हमने इनमें से आधे गांवों को तीन साल में मोबाइल कनेक्टिविटी से जोड़ेगे। शेष को अगले दो साल में जोड़ा जाएगा। इसके लिए देश को पांच भाग में बांटा जाएगा और टावर लगाने को गांवों का सर्वेक्षण किया जाएगा। सचिव ने बताया कि सर्वे का कार्य पूर्वोत्तर राज्यों में पूरा किया जा रहा है और यह हिमालयी राज्यों में जारी है। इसके बाद उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों में सर्वे किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 20,000 करोड़ रुपये की यह राशि यूनिवर्सल सर्विसेज ऑब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) से आएगी।