हैदराबाद : टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने कहा है कि भारत में कुपोषण सिर्फ गांवों तक सीमित नहीं है बल्कि यह राष्ट्रीय समस्या बन गया है। उन्होंने कहा कि जो कंपनियां शेयरधारकों को खुश करने को इच्छुक हैं, उन्हें इस प्रकार के सामाजिक मुद्दों पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
कुपोषण पर पहल ‘द इंडियन इमपैक्ट’ की शुरूआत करने के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में टाटा ने कहा, ‘टाटा ट्रस्ट और कंपनियों के बीच हमने आसपास रहने वाले लोगों के जीवन में सुधार के लिये शुद्ध लाभ का करीब 4 प्रतिशत परमार्थ कार्यों पर खर्च किये। कई ने हमसे कहा कि यह शेयरधारकों का पैसा है और आपको इसे वितरित करने का क्या अधिकार है..।’
उन्होंने कहा, ‘इससे हमें बेहद संतोष मिला कि हम समाज को कुछ देने में सफल रहे हैं..।’ टाटा ने कहा, ‘सरकार को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि खाना हर किसी के पास उपलब्ध हो। लेकिन साथ ही मां और बच्चों में कुपोषण को दूर करने की भी जरूरत है..जो भविष्य में उनके विकास के लिये जरूरी है।’ (एजेंसी)
रतन टाटा
कुपोषण राष्ट्रीय समस्या बन गया है: रतन टाटा
टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने कहा है कि भारत में कुपोषण सिर्फ गांवों तक सीमित नहीं है बल्कि यह राष्ट्रीय समस्या बन गया है।
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