ONGC ने उत्पादन बढ़ाने को किया 81,890 करोड़ रु. का निवेश

भारत की सबसे बड़ी तेल एवं गैस उत्पादक ओएनजीसी ने कहा कि उसने नयी खोज और पुराने क्षेत्रों के प्राकृतिक क्षरण को रोकने के लिए 81,890 करोड़ रुपए का निवेश किया है।

ONGC ने उत्पादन बढ़ाने को किया 81,890 करोड़ रु. का निवेश

नई दिल्ली : भारत की सबसे बड़ी तेल एवं गैस उत्पादक ओएनजीसी ने कहा कि उसने नयी खोज और पुराने क्षेत्रों के प्राकृतिक क्षरण को रोकने के लिए 81,890 करोड़ रुपए का निवेश किया है।

ओएनजीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक दिनेश के सर्राफ ने यहां कंपनी की सालाना आम बैठक में कहा ‘हमारे प्रमुख तेल एवं गैस उत्पादन क्षेत्र पुराने हो रहे हैं और इनका प्राकृतिक रूप से क्षरण हो रहा है।’ उन्होंने कहा कि हालांकि ओएनजीसी ने क्षरण रोकने और ऐसे क्षेत्रों से उत्पादन का स्तर बनाए रखने के लिए पहल कर रही है।

तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम ने इन क्षेत्रों में उत्पादन सुधारने और उंचा करने की योजनाएं लागू की हैं। उन्होंने कहा ‘हमारी कोशिशों का अच्छा नतीजा निकला है और इससे सिर्फ 2013-14 में ही अतिरिक्त 74.6 लाख टन का उत्पादन हुआ जो ओएनजीसी के घरेलू उत्पादन का करीब 33 प्रतिशत है। 2013-14 तक कुल मिला कर अतिरिक्त उत्पादन 8.74 करोड़ टन रहा।’ करीब 24 परियोजनाओं की ऐसी पहलों के लिए 41,316 करोड़ रुपए के पूंजी व्यय की योजना बनाई गई जिनमें से 19 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं।

उन्होंने कहा कि ओएनजीसी तेजी से अपने तेल एवं गैस भंडार का विकास करने के प्रति प्रतिबद्ध है। करीब 15 संभावित परियोजनाओं को हाथ में लिया गया था जिनमें से 7 पूरी हो चुकी हैं और 8 कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।

उन्होंने कहा ‘ 40,573.7 करोड़ रपए की योजनाओं से अधिक के अनुमानित योजनाव्यय के जरिए 4.56 करोड़ टन अतिरिक्त कच्चा तेल और 67.44 अरब घन मीटर प्राकृतिक गैस का उत्पादन की तैयारी है।’ सर्राफ ने कहा कि ओएजीसी पश्चिमी अपतटीय क्षेत्र में दमन गैस क्षेत्रों के विकास और केजी-डी5 क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर रही है। केजी-डी5 रिलायंस इंडस्ट्रीज के पूर्वी अपतटीय केजी-डी6 क्षेत्र के बगल में स्थित है।

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