सहारा के निवेशकों की खोजबीन में विदेशी मदद लेगा SEBI

निवेशकों की 20,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि लौटाने के चर्चित प्रकरण में सहारा समूह की ओर से ट्रकों में भेजे गए कथित निवेशकों के दस्तावेजों को लेकर पेशोपेश की स्थिति का सामना कर रहा भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) निवेशकों की वास्तविकता की जांच के लिए सेबी मॉरीशस, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों के नियामकों से मदद ले रहा है।

नई दिल्ली : निवेशकों की 20,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि लौटाने के चर्चित प्रकरण में सहारा समूह की ओर से ट्रकों में भेजे गए कथित निवेशकों के दस्तावेजों को लेकर पेशोपेश की स्थिति का सामना कर रहा भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) निवेशकों की वास्तविकता की जांच के लिए सेबी मॉरीशस, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों के नियामकों से मदद ले रहा है।
बुरी तरह से घाल मेल वाले इन दस्तावेजों की जांच करते हुए सेबी को संदेह है कि उसे इनके माध्यम से शायद ही कोई सही निवेशक मिल सकेगा। सेबी को संदेह है कि ज्यादातर दस्तावेज ‘काल्पनिक या नकली’ निवेशकों से जुड़े हैं। यही नहीं बाजार नियामक ने सहारा समूह की संपत्तियों को कुर्क करने के लिए जिन केंद्रीय एजेंसियों व राज्य सरकारों से सहायता मांगता रहा है, उनसे जवाब मिलने में बहुत विलंब हुआ है।
इस मामले में इतनी बाधाओं के बावजूद सहारा प्रमुख सुब्रत राय को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है और उन्हें 4 मार्च को उच्चतम न्यायालय में पेश किया जाएगा। सेबी अब विदेशी नियामकों से इस मामले में मदद ले रहा है। इसके अलावा, सेबी उन देशों से भी मदद ले रहा है जहां माना जाता है कि सहारा ने कारोबारी उद्यमों या मुखौटा कंपनियों के जरिए अपनी मौजूदगी बना रखी है। प्रशासनिक मामलों में मदद के अलावा विदेशी नियामकों से सहारा के उद्यमों के बारे में खुफिया सूचनाएं भी हासिल की जा सकती हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सहारा ने इस मामले में करीब 3 करोड़ निवेशक होने का दावा किया है जिनमें से लगता है कि अधिकांश के खाते सही नहीं है। ऐसे में संदेश है कि बड़े पैमाने पर मनीलांडरिंग की गयी है। अधिकारी ने कहा कि विनियामक एजेंसियों को इस दृष्टि से और सहजग हो कर कार्रवाई करनी चाहिए। सहारा समूह ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर एक किस्त के रूप में सेबी के पास 5,120 करोड़ रुपए की राशि जमा कर दी पर बाकी दो किस्ते समय पर न चुकाते हुए दावा किया है कि वह निवेकों का ज्यादा तर पैसा अपने से चुका चुका है। अधिकारियों के अनुसार जमा राशि से निवेशकों का धन लौटाना बहुत जटिल है क्यों कि सहारा समूह निवेशकों की पुष्टि में सहयोग नहीं कर रहा है। समूह का दावा है कि सेबी ने उसकी मदद नहीं मांगी है। (एजेंसी)

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