नई दिल्ली : श्रम कानूनों में संशोधन की आवश्यकता पर बल देते हुए कपड़ा मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि सरकार ने पहले ही इस दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) कार्यक्रम के लक्ष्य अभी पूरे नहीं हो सके हैं।
गंगवार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों पर एक सम्मेलन में कहा, 'देश में श्रम कानूनों में बदलाव की जरूरत है और यह काम शुरू किया जा चुका है। मनरेगा कार्यक्रम की शुरुआत श्रम कल्याण के लिए की गई थी पर इसका लक्ष्य अभी पूरा नहीं हो पाया है।' कपड़ा मंत्री ने हाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि पूरे कपड़ा क्षेत्र को मनरेगा से संबद्ध किया जाये। अगर प्रस्ताव स्वीकार होता है तो यह कपड़ा क्षेत्र में कामगारों को न्यूनतम भत्ते की गारंटी देगा और विनिर्माण क्षेत्र के लिए श्रमबल की पर्याप्त उपलब्धता को सुनिश्चित करेगा।
कपड़ा उद्योग को व्यस्त मौसम में कामगार की कमी का सामना करना पड़ता है क्योंकि बहुत से मजदूर मनरेगा योजनाओं में काम करना पसंद करते हैं। मनरेगा कार्यक्रम में साल भर में 100 दिहाड़ी की रोजगार है। राष्ट्रीय कपड़ा नीति के मसौदे में भी श्रम कानून को लचीला बनाने की जरूरत पर बल दिया गया है ताकि भारतीय कपड़ा उद्योग में निवेश आकर्षित किया जा सके तथा यह विश्व स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बन सके।