पूर्व कोयला सचिव पारेख की ज़ी मीडिया से खास बातचीत

कोल ब्लॉक आवंटन मामले में पूर्व कोयला सचिव पी.सी. पारेख ने ज़ी मीडिया से खास बातचीत की है। पारेख को कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़े सीबीआई के एक मामले में आरोपी बनाया गया है। ज़ी मीडिया ने पारेख से कुछ सवाल किए जिनका जवाब पारेख ने कुछ इस तरह से दिया-

ज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : कोल ब्लॉक आवंटन मामले में पूर्व कोयला सचिव पी.सी. पारेख ने ज़ी मीडिया से खास बातचीत की है। पारेख को कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़े सीबीआई के एक मामले में आरोपी बनाया गया है। ज़ी मीडिया ने पारेख से कुछ सवाल किए जिनका जवाब पारेख ने कुछ इस तरह से दिया-
सवाल : क्या आपने 2005 में कैबिनेट सचिव को चिट्ठी लिखकर मंत्रालय में ही कोल माफिया होने का जिक्र किया था ?
जवाब: हां।
सवाल : आपने अपनी चिट्ठी में कोयला मंत्रालय में काम करने वाले कोल माफियाओं का जिक्र किया था,तो उन्हें किन नेताओं या मंत्रियों का संरक्षण मिला था?
जवाब: मैंने किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं लिया।
सवाल : क्या आपकी 2005 में लिखी गई चिट्ठी के बाद सरकार ने उस वक्त कोई कार्रवाई की थी या कैबिनेट सचिव ने उसका कोई जबाव आपको दिया था?
जवाब: मैंने उम्मीद नहीं की थी और न ही जवाब आया।
सवाल : उस वक्त के पूर्व कोयला मंत्री क्या आप पर दबाव डालते थे, अगर हां तो किस तरह का दबाव था?
जवाब: मैं कभी दबाव में नहीं आया।

सवाल : आप ही ने कहा था कि पीएम के हस्ताक्षर और रजामंदी के बाद ही आपने हिंडाल्को के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी, अब जबकि पीएम ने इस सिलसिले में सीबीआई के सामने जाने की बात की है तो अब आपका क्या कहना है?
जवाब: प्रधानमंत्री का यह कदम सराहनीय है।

सवाल : क्या पीएम से भी सीबीआई को अब पूछताछ करनी चाहिए ?
जवाब: इस बारे में फैसला सीबीआई को करना है।
सवाल : आज की वर्तमान स्थिति में कोल माफियाओं से निपटने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए,किस तरह की राजनीतिक प्रतिबद्धता की जरूरत है?
जवाब : शासन में पारदर्शिता लाने की जरूरत है और कानून का सख्ती से पालन होना चाहिए।

सवाल : आपको आईएएस लॉबी भी सपोर्ट कर रही है। क्या आपको लगता है कि इस तरीके से गलत एक्शन लेने से उनके रोजाना के कामकाज पर असर पड़ेगा,क्या वो स्वतंत्रता पूर्वक निर्णय ले पाएंगे ?
जवाब: मुझे केवल आईएएस लॉबी का ही समर्थन नहीं मिला बल्कि समाज के हर वर्ग का सहयोग मुझे मिला। सीबीआई को जल्दबाजी में किसी नतीजे पर नहीं पहुंच जाना चाहिए।
सवाल : एसोचैम ने भी पीएम को खत लिखकर नाराजगी जताई है और कहा है कि हिंडाल्को पर की गई कारर्वाई से इस तरीके से उद्योग जगत के लिए बहुत गलत मैसेज जा रहा है, आपका क्या कहना है?
जवाब: वास्तव में, सीबीआई की इस तरह की कार्रवाई से दोनों निवेशकों एवं नौकरशाहों में एक गलत संदेश गया है।

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