महिलाओं पर विवादास्पद बयान दे फंसे फारूक अब्दुल्ला, बाद में मांगी माफी

केंद्रीय मंत्री फारुक अब्दुल्ला ने महिलाओं पर एक विवादास्पद बयान देकर खुद को सुर्खियों में ला खड़ा किया है।

नई दिल्ली : केन्द्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को महिलाओं के बारे में एक विवादास्पद बयान दे दिया हालांकि बाद में उसके लिए माफी मांगी। अपने बयान में उन्होंने कहा था कि महिलाओं को सचिव नहीं नियुक्त करना चाहिए क्योंकि यदि यौन उत्पीडन की शिकायत हो गयी तो जेल की हवा खानी पड़ सकती है।
उन्होंने यहां संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इन दिनों हालात ऐसे हो गए है कि लड़कियों से बात करते डर लगता है। हमें लगता है कि महिला को सचिव नहीं रखना चाहिए। खुदा ना करे, अगर कोई शिकायत हो गई तो हमें जेल की हवा खानी पड़ सकती है। केन्द्रीय मंत्री अब्दुल्ला कुछ महत्वपूर्ण हस्तियों पर चल रहे यौन हिंसा के मामलों को लेकर किये गये सवालों का जवाब दे रहे थे। यह पूछने पर कि क्या वह महिलाओं को दोषी ठहरा रहे हैं, उन्होंने कहा कि नहीं, नहीं, मैं लड़की को दोषी नहीं ठहरा रहा हूं। मैं तो समाज पर आरोप लगा रहा हूं। समाज ऐसे स्तर पर पहुंच गया है जब दूसरी ओर से शिकायतें आ रही हैं।
अब्दुल्ला ने कहा कि बलात्कार नहीं होना चाहिए। लडकियों की संख्या कम हुई है। जब बच्चा होता है तो हम लडके के लिए प्रार्थना करते हैं। जब लडकी पैदा होती है तो हम रोते हैं। इन टिप्पणियों की कडी आलोचना हुई है। और तो और उनके बेटे जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी कहा कि फारूक को माफी मांगनी चाहिए।
इस पर विवाद को शांत करने की कोशिश में फारूक ने कहा कि लोगों को बातें समझनी चाहिए और वे कई चीजों को कई तरह से गलत ढंग से पेश कर रहे हैं। फारूक ने कहा कि उन्हें महसूस होता है कि अब समय आ गया है, जब न्याय होना चाहिए और संसद में जल्द से जल्द 33 प्रतिशत आरक्षण (महिलाओं के लिए) होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि वह कुछ गलत कह गये हैं तो उन्हें उसका अफसोस है। मेरा ऐसा आशय कतई नहीं था, जैसा जनता ने महसूस किया है। (एजेंसी)

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