नई दिल्ली : केरल मछुआरे हत्या मामले में यू टर्न लेते हुए केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से दो आरोपी इतालवी मरीनों के खिलाफ आरोप में संशोधन करके इसे हत्या के बजाय हिंसा में बदलने के लिए कहा जिससे उन्हें मौत की सजा मिलने की संभावनाएं खत्म हो गईं।
गृह मंत्रालय ने अपने पूर्व फैसले में संशोधन करते हुए एनआईए को ‘सप्रेशन आफ अनलॉफुल एक्ट्स अगेंस्ट सेफ्टी आफ मैरीटाइम नेवीगेशन एंड फिक्स्ड प्लेटफाम्र्स आन कंटीनेंटल शेल्फ एक्ट’ (एसयूए) के नए प्रावधान के तहत इतालवी मरीनों के अभियोजन को मंजूरी दी।
धारा 3.1 (ए) में पोत या स्थायी स्थल पर मौजूद व्यक्ति के खिलाफ गैरकानूनी तरीके से जानबूझकर हिंसा करके पोत की सुरक्षित यात्रा या स्थायी स्थल की सुरक्षा को खतरे में डालने वाले को अधिकतम दस साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
इससे पहले गृह मंत्रालय ने इस मामले में एसयूए कानून की धारा 3 (जी)(1) के तहत अभियोजन की मंजूरी दी थी जिसमें कहा गया था कि किसी व्यक्ति की मौत के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को मृत्युदंड की सजा होगी।
सूत्रों ने कहा कि सरकार के वादे के अनुसार, इस फैसले के बारे में सोमवार को उच्चतम न्यायालय को बताया जाएगा। (एजेंसी
केरल मछुआरे हत्या
मछुआरे हत्या केस में इतालवी मरीनों को नहीं होगी मौत की सजा, आरोप में संशोधन
केरल मछुआरे हत्या मामले में यू टर्न लेते हुए केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से दो आरोपी इतालवी मरीनों के खिलाफ आरोप में संशोधन करके इसे हत्या के बजाय हिंसा में बदलने के लिए कहा जिससे उन्हें मौत की सजा मिलने की संभावनाएं खत्म हो गईं।
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