कोलकाता : भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को ‘निराशाजनक स्थिति’ में बताते हुए नोबेल पुरस्कार प्राप्त अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा कि आधारभूत सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता के बिना निजी स्वास्थ्य क्षेत्र पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता से गरीब और कम-जानकार रोगियों का उत्पीड़न होगा।
11वीं कोलकाता समूह कार्यशाला में प्रेस को संबोधित करते हुए सेन ने कहा, ‘स्वास्थ्य सेवा की स्थिति बेहद निराशाजनक है।’ इस कार्यशाला का आयोजन प्रतीची (इंडिया) ट्रस्ट ने किया था।
सेन ने कहा, ‘हम निजी स्वास्थ्य सुविधाओं के खिलाफ नहीं हैं लेकिन इन्हें सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की जगह नहीं लेनी चाहिए। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की अनुपलब्धता और निजी स्वास्थ्य सेवा पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता से कम जानकारी रखने वाले रोगियों और उनके परिवारों का उत्पीड़न होगा क्योंकि उन्हें स्वास्थ्य सेवा की सही जानकारी नहीं होगी।’
सेन ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भारत को बांग्लादेश, थाईलैंड और चीन जैसे देशों से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। (एजेंसी)
अमर्त्य सेन
भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र की स्थिति निराशाजनक : अमर्त्य
भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को ‘निराशाजनक स्थिति’ में बताते हुए अमर्त्य सेन ने कहा कि आधारभूत सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता के बिना निजी स्वास्थ्य क्षेत्र पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता से गरीब और कम-जानकार रोगियों का उत्पीड़न होगा।
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