विपक्षी दलों ने रेल किराया वृद्धि के समय पर उठाए सवाल

विपक्षी दलों ने शुक्रवार को रेलवे में सभी श्रेणियों के किराये और माल भाड़े में बढ़ोत्तरी के मोदी सरकार के फैसले की आलोचना की और सवाल किया कि आखिर यह कदम उठाने के पहले संसद को विश्वास में क्यों नहीं लिया गया।

नई दिल्ली : विपक्षी दलों ने शुक्रवार को रेलवे में सभी श्रेणियों के किराये और माल भाड़े में बढ़ोत्तरी के मोदी सरकार के फैसले की आलोचना की और सवाल किया कि आखिर यह कदम उठाने के पहले संसद को विश्वास में क्यों नहीं लिया गया।

विपक्षी दलों ने कहा कि जब बजट सत्र की घोषणा हो चुकी है ऐसे में इस तरह के फैसले लेने के पीछे क्या औचित्य है। विपक्षी दलों ने इसे इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी करार दिया और इसे तत्काल वापस लेने की मांग की।

कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने भाजपा के नारे अच्छे दिन आने वाले हैं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी सरकार का तोहफा मध्यम वर्ग, निम्न मध्यम वर्ग और गरीबों के कंघे पर अतिरिक्त बोझ डाल रहा है। गौरतलब है कि रेल मंत्रालय ने सभी श्रेणियों के यात्री किराये में 14.2 प्रतिशत और माल भाड़ा दरों में 6.5 प्रतिशत की भारी वृद्धि कर दी। यह वृद्धि 25 जून से लागू होगी।

रेलवे ने इस फैसले के जरिये इससे पहले 16 मई को की गई घोषणा को अमल में लाने का काम किया है। तब लोकसभा चुनावों के नतीजे आने का दिन होने की वजह से किराया बढ़ाने की घोषणा होने के तुरंत बाद इस पर अमल रोक दिया गया था।

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