तेलंगाना बिल अब राज्‍यसभा में आज होगा पेश, सीमांध्र को विशेष दर्जा दिए जाने के पक्ष में सोनिया

सरकार और विपक्ष के बीच विधेयक में संशोधनों पर सहमति नहीं बन पाने के कारण राज्यसभा में बुधवार को तेलंगाना विधेयक पेश नहीं हो सका। अब इस बिल को गुरुवार को राज्‍यसभा में पेश किया जाएगा।

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो
नई दिल्ली : सरकार और विपक्ष के बीच विधेयक में संशोधनों पर सहमति नहीं बन पाने के कारण राज्यसभा में बुधवार को तेलंगाना विधेयक पेश नहीं हो सका। अब इस बिल को गुरुवार को राज्‍यसभा में पेश किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कुल 32 संशोधन प्रस्ताव पेश किए हैं और पार्टी का कहना है कि इसे विधेयक में शामिल किया जाए।
तेलंगाना विधेयक पारित कराने की सरकार की योजना बाधित होती नजर आ रही है क्योंकि विधेयक पर राज्यसभा में बुधवार को चर्चा नहीं हो सकी। भाजपा और सरकार के बीच एक संविधान संशोधन तथा सीमांध्र के लिए उचित पैकेज की मांग को लेकर गतिरोध हो गया।
ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस सीमांध्र के लोगों की भावनाओं को शांत करना चाहती है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज सरकार से कहा है कि वे सीमांध्र को पांच साल के लिए विशेष दर्जा दें ताकि वह अपनी विकास संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, तेलंगान बिल पर जारी गतिरोध को दूर करने के मद्देनजर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से सीमांध्र क्षेत्र को पांच वर्षों के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा दिये जाने का अनुरोध किया।
वहीं, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कई मंत्रियों एंव राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली तथा भाजपा नेता एम वेंकैया नायडू के बीच हुई बैठक में कोई सहमति नहीं बन सकी। राजनीतिक विश्लेषक महसूस करते हैं कि भाजपा के रुख की एक वजह सीमांध्र की चुनावी संभावनाएं हो सकती है।
उच्च सदन में आज इस मुद्दे पर काफी हंगामा हुआ। तेदेपा सदस्य सीएम रमेश ने महासचिव शमशेर के शरीफ को धक्का लेकर उनसे कागजात छीने। दिन में कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। शाम को जब उम्मीद की जा रही थी कि मंगलवार को लोकसभा की ओर से पारित आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक राज्यसभा में लिया जाएगा तो अचानक कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित हो गई। सूत्रों ने बताया कि भाजपा ने आंध्र प्रदेश के बंटवारे के लिए संविधान संशोधन लाने की आवश्यकता बतायी क्योंकि पुनर्गठन विधेयक कानून व्यवस्था के अधिकार राज्यपाल को देने का प्रस्ताव करता है, जो शायद संविधान के प्रावधानों के खिलाफ हो।
राज्यसभा में बहुचर्चित तेलंगाना विधेयक पर आज चर्चा शुरू नहीं हो सकी जबकि इस विधेयक के विरोध में सदन में दिन भर भारी हंगामा होता रहा और बैठक को कई बार स्थगित किया गया। हंगामे के दौरान तेलंगाना विधेयक का विरोध कर रहे तेदेपा के एक सदस्य ने महासचिव के हाथ से दस्तावेज छीनने का प्रयास किया जबकि आसन की ओर से एक केंद्रीय मंत्री एवं लोकसभा सदस्य को उच्च सदन छोड़कर जाने को कहा गया। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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