अमेरिका यात्रा से कई दूरियां खत्म होंगी, रिश्तों में एक नया इतिहास शुरु होगा: नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका को भारत को बहुत महत्वपूर्ण भागीदार बताते हुए विश्वास जताया है कि उनकी इस यात्रा से बहुत सी दूरियां खत्म होंगी और रणनीतिक रिश्तों में एक नया इतिहास शुरु होगा। अपनी पांच दिन की अमेरिका यात्रा पर रवाना होने से पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि वह राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ इस बात पर विचार विमर्श करेंगे कि आपसी और वैश्विक हित में दोनों देश कैसे अपने संबंधों को नई उंचाई पर पहुंचाया सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा कि ओबामा की जीवन यात्रा एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में आम लोगों के लिए उपलब्ध अधिकारों व अवसरों का एक उल्लेखनीय उदाहरण है और यह दुनिया भर के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत है। जारी

अमेरिका यात्रा से कई दूरियां खत्म होंगी, रिश्तों में एक नया इतिहास शुरु होगा: नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका को भारत को बहुत महत्वपूर्ण भागीदार बताते हुए विश्वास जताया है कि उनकी इस यात्रा से बहुत सी दूरियां खत्म होंगी और रणनीतिक रिश्तों में एक नया इतिहास शुरु होगा। अपनी पांच दिन की अमेरिका यात्रा पर रवाना होने से पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि वह राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ इस बात पर विचार विमर्श करेंगे कि आपसी और वैश्विक हित में दोनों देश कैसे अपने संबंधों को नई उंचाई पर पहुंचाया सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा कि ओबामा की जीवन यात्रा एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में आम लोगों के लिए उपलब्ध अधिकारों व अवसरों का एक उल्लेखनीय उदाहरण है और यह दुनिया भर के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत है। जारी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘अमेरिका को मैं भारत के राष्ट्रीय विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में देखता हूं। दोनों देशों के बीच शिक्षा, कौशल विकास, अनुसंधान, प्रौद्योगिकी व नवोन्मेष में भागीदारी की बड़ी संभावनाओं हैं तथा मानव मूल्यों के प्रति दोनों की साझी प्रतिबद्धता है।’ प्रधानमंत्री शनिवार को न्यूयार्क में संयुक्तराष्ट्र के 69वें महाधिवेशन को संबोधित करेंगे। इस संबंध में मोदी ने कहा कि वह वहां वैश्विक अर्थव्यवस्था में नरमी, दुनिया के कई हिस्सों में तनाव एवं संकट, वृद्धि तथा आतंकवाद के विस्तार, अफ्रीका में इबोला महामारी, जलवायु परिवर्तन तथा गरीबी उन्मूलन की चुनौतियों से निपटने के लिए मजबूत वैश्विक प्रतिबद्धता तथा अधिक समन्वय के साथ बहुपक्षीय कार्रवाई पर जोर देंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह 2015 के बाद के लिए एक ऐसे वैश्विक विकास एजेंडे को जल्द स्वीकार्य करने की अपील करेंगे, जो वृद्धि, विकास और गरीबी उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित हो। उन्होंने कहा, ‘ संयुक्तराष्ट्र प्रणाली में शीघ्र सुधार किये जाने की जरूरत पर भी जोर दूंगा। ताकि यह सुनिश्चित हो सके, ताकि यह व्यवस्था 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने में तार्किक व प्रभावी बनी रहे।’ उन्होंने कहा कि भारत शांति और सुरक्षा तथा समावेशी वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षा अभियानों में पिछले एक दशक में भारत द्वारा किया गया योगदान इस बहुपक्षीय वैश्विक निकाय को अपने लक्ष्य पाने में मदद कर रहा है।

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