बेंगलूरु : भारत के मार्स ओर्बिटर मिशन (एमओएम) ने पहले ही प्रयास में लाल ग्रह की कक्षा में स्थापित होने का नया इतिहास रचने के दूसरे दिन आज मंगल ग्रह की पहली तस्वीरें भेजी हैं ।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने लाल ग्रह की तस्वीरों के साथ ट्विट किया , ‘ मंगल की पहली तस्वीर , 7300 किलोमीटर की उंचाई से वहां का नजारा सुंदर है ।’ अंतरिक्ष यान मंगलयान इस समय कक्षा में मंगल ग्रह का चक्कर लगा रहा है और मंगल ग्रह से इसकी न्यूनतम दूरी 421. 7 किलोमीटर है तथा अधिकतम दूरी 76, 993. 6 किलोमीटर है । इसरो ने यह जानकारी दी।
कक्षा का झुकाव मंगल ग्रह की भूमध्यवर्ती क्षेत्र में 150 डिग्री के वांछित स्तर पर है । इस कक्षा में मंगलयान को मंगल ग्रह का एक चक्कर लगाने में 72 घंटे , 51 मिनट और 51 सेकेंड का समय लगता है । इसरो ने एक विज्ञप्ति में बताया कि आने वाले सप्ताहों में मंगलयान के पांच वैज्ञानिक उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए अंतरिक्ष यान का मंगल ग्रह की कक्षा में पूरा परीक्षण किया जाएगा।
एमओएम मंगल ग्रह की सतह तथा खनिज संघटकों का अध्ययन करेगा और वहां जीवन के संकेत देने वाली मीथेन गैस की मौजूदगी के लिए इसके वातावरण को खंगालेगा। मंगलयान पांच उपकरणों से लैस है जिसमें मीथेन या नमी वाली गैस का पता लगाने के लिए सेंसर, एक रंगीन कैमरा और एक थर्मल इमेजिंग स्पैक्ट्रोमीटर भी शामिल है जो लाल ग्रह की सतह और खनिज संपदा को तलाश करेंगे ।
450 करोड़ रूपये की लागत वाला एमओएम सबसे सस्ता अंतर ग्रहीय मिशन था और भारत इसके साथ ही विश्व में पहले ही प्रयास में मंगल की कक्षा में अंतरिक्ष यान स्थापित करने वाला एकमात्र राष्ट्र बन गया है । यूरोपीय संघ, अमेरिकी और रूसी यान भी मंगल की कक्षा या सतह पर पहुंचने में सफल रहे हैं लेकिन उन्हें इसके लिए कई बार प्रयास करने पड़े ।
मंगलयान कम से कम अगले छह महीने तक दीर्घवर्त्ताकार रूप में मंगल के चक्कर लगाएगा और अपने उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए धरती पर तस्वीरें भेजेगा। मंगलयान को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में पिछले वर्ष पांच नवंबर को पीएसएलवी राकेट के जरिए प्रक्षेपित किया गया था। यह एक दिसंबर को पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण क्षेत्र को पार कर गया था।