एंडरसन-जडेजा विवाद के बीच भारत-इंग्लैंड दूसरे टेस्ट के लिए तैयार

जेम्स एंडरसन और रविंद्र जडेजा के बीच हुए विवाद ने सीरीज के शुरू में तनाव कुछ बढ़ा दिया है लेकिन इन सबके बीच भारत और इंग्लैंड कल यहां लार्डस के मैदान पर दूसरे क्रिकेट टेस्ट में भिड़ने को तैयार हैं जिसके जीवंत विकेट के दोनों टीमों का स्वागत करने की उम्मीद है।

एंडरसन-जडेजा विवाद के बीच भारत-इंग्लैंड दूसरे टेस्ट के लिए तैयार

लंदन : जेम्स एंडरसन और रविंद्र जडेजा के बीच हुए विवाद ने सीरीज के शुरू में तनाव कुछ बढ़ा दिया है लेकिन इन सबके बीच भारत और इंग्लैंड कल यहां लार्डस के मैदान पर दूसरे क्रिकेट टेस्ट में भिड़ने को तैयार हैं जिसके जीवंत विकेट के दोनों टीमों का स्वागत करने की उम्मीद है।

नाटिघंम की ‘निर्जीव’ पिच ही काफी नहीं थी कि इन दोनों खिलाड़ियों के बीच कथित झगड़े ने पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला के शुरू होने का जायका बिगाड़ दिया। अभी तक इस मामले की सुनवाई निर्धारित नहीं हुई है, जिसका मतलब है कि एंडरसन निश्चित रूप से इस मैच में खेलेंगे और जब दोनों टीमें एक दूसरे से भिड़ेंगी तो इस घटना का मुकाबले पर असर जरूर पड़ेगा।

आईसीसी ने तेज गेंदबाज एंडरसन को पहले टेस्ट के दूसरे दिन लंच ब्रेक के दौरान जडेजा को धक्का और गाली देने के लिये आरोपित किया है। अगर वह दोषी पाये जाते हैं तो वह कम से दो से चार टेस्ट मैच या फिर आठ वनडे तक प्रतिबंधित हो सकते हैं और मेजबान टीम किसी भी हालत में ऐसा नहीं चाहेगी।

इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए जडेजा के खिलाफ रिपोर्ट दायर की है। इंग्लैंड टीम प्रबंधन अपने तेज गेंदबाजी आक्रमण के अगुवा के लिये कड़ाई से समर्थन करेगी और वे मैच के लिये पिच पर भी निगाह लगाये होंगे। मैच से दो दिन पहले लार्डस की बीच वाली विकेट पर एक खास हरी रंगत आ गयी है। उम्मीद है कि पहली सुबह टास के समय यह गायब हो जायेगी। इसके अलावा ऐसा भी संभव है कि विकेट कुछ नमी बरकरार रखे।

दोनों टीमों के तेज गेंदबाजों के लिये यह खुशखबरी होगी और नाटिघंम मैच के दौरान उन्होंने जो कड़ी मेहनत की, यह एक तरह से उसका पुरस्कार होगा। साथ ही, इस तरह के हालात में लार्डस पर हालिया समय में हुए टेस्ट मैचों को भी देखना होगा। इस मैदान पर पहली पारी का ऐतिहासिक औसत स्कोर 315 रन है, लेकिन 2010 से 2014 तक यह 403 रन तक पहुंच गया है।

इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टर कुक भी थोड़े व्याकुल होंगे। एक ओर तो वह अपने बल्लेबाजी भाग्य को बदलने के लिये मुलायम ट्रैक चाहेंगे क्योंकि टेस्ट क्रिकेट में देश का शीर्ष शतक बनाने वाला खिलाड़ी बनने के बाद पिछली 25 पारियों में 100 रन के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाना, उनके लिये भारी गिरावट रही है।

भारत के औसत दर्जे के आक्रमण के खिलाफ वह थोड़ी कम मेहनत ही करना चाहेंगे, वहीं दूसरी ओर वह उम्मीद लगाये होंगे कि उनके गेंदबाजों को पिच से मदद मिले ताकि टीम नौ मैचों में जीत नहीं मिलने की लय को तोड़ सके।

कुक इस बात से खुश होंगे कि लार्डस पर तेज गेंदबाजों के आंकड़ें अच्छे हैं। तेज गेंदबाजों को हाल के समय में काफी सफलता मिली है। अगर 2008-2014 के समय को देखा जाये तो तेज गेंदबाजों ने 21.95 के औसत से 165 विकेट हासिल किये हैं जबकि स्पिनरों ने 29.28 के औसत से 69 विकेट ही झटके हैं।

तेज गेंदबाजों के आंकड़े 2000-2007 के बीच इससे भी ज्यादा प्रभावशाली थे, जब उन्होंने 27.68 के औसत से 145 विकेट हासिल किये थे। क्रिकेट के मक्का मैदान पर अगल सा ढलान उनके लिये फायदेमंद साबित हो सकता है। फिर भी ऐसा माना जा सकता है कि स्पिन इस टेस्ट में अहम कारक नहीं होगी बशर्तें पांच दिन के अंदर कुछ असाधारण सी चीजें घटित हो जायें। इस हालत में इंग्लैंड अपने बायें हाथ के स्पिनर साइमन कैरिगन को नहीं खिलायेगा।

भारत के लिये शायद इस बात से दो स्पिनरों को खिलाने का सवाल खत्म हो जाये। ट्रेंट ब्रिज पर एंडरसन और जो रूट के बीच 10वें विकेट के लिये 198 रन की विश्व रिकार्ड साझेदारी से भारतीय गेंदबाजों को खुद की काबिलियत का अंदाजा हो गया होगा। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के गैर अनुभवी गेंदबाजी आक्रमण ने लीसेस्टर और डर्बीशर में दो अ5यास मैचों के बाद गेंदबाजी में थोड़ा सुधार जरूर किया।

इस बीच छह बल्लेबाजों के लाइनअप ने संतोषजनक प्रदर्शन किया और भारतीय टीम की निगाहें 2011 के बाद विदेशी सरजमीं पर पहला टेस्ट जीतने की ओर लगी होंगी। धोनी के लिये इस टेस्ट से पहले एकमात्र चयन मुद्दा चौथे और पांचवें गेंदबाज के संबंध में ही होगा।

लार्डस पर स्पिनरों के प्रदर्शन और स्टुअर्ट बिन्नी की नाटिघंम में मैच बचाने वाली अर्धशतकीय पारी का मतलब है कि यह आल राउंडर अंतिम एकादश में शामिल होगा। इसका मतलब है कि आर अश्विन और रविंद्र जडेजा के बीच में से एक को चुना जायेगा। अश्विन नेट पर देर तक गेंदबाजी कर रहे हैं जबकि जडेजा ने बल्लेबाजी, गेंदबाजी के अलावा स्लिप में कैच लेने का अभ्यास किया।

भारतीय टीम प्रबंधन अपने संयोजन में ज्यादा फेरबदल नहीं करता और तब तो निश्चित तौर पर नहीं जब टीम ने पहला टेस्ट ही खेला हो और श्रृंखला अभी शून्य शून्य ही हो। पूरी उम्मीद लग रही है कि अश्विन बेंच पर बैठेंगे और जडेजा एकमात्र स्पिनर की भूमिका निभायेंगे।

टीमें इन खिलाड़ियों में से चुनी जायेंगी :-
 
भारत : महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान और विकेटकीपर), शिखर धवन, मुरली विजय, गौतम गंभीर, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, रविंद्र जडेजा, स्टुअर्ट बिन्नी, आर अश्विन, इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, ईश्वर पांडे, पंकज सिंह, वरूण आरोन और रिद्धिमान साहा।

इंग्लैंड : एलिस्टर कुक (कप्तान), मोइन खान, जेम्स एंडरसन, गैरी बैलेंस, इयान बेल, स्टुअर्ट ब्राड, क्रिस जोर्डन, लियाम प्लंकेट, मैट प्रायर (विकेटकीपर), सैम राबसन, जो रूट, बेन स्टोक्स, क्रिस वोक्स, साइमन कैरिगन।

मैच भारतीय समयानुसार दोपहर साढ़े तीन बजे शुरू होगा।

 

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