रवींद्र जडेजा पर जुर्माने को लेकर BCCI और ICC आमने-सामने

भारतीय आलराउंडर रविंद्र जडेजा पर इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के साथ झगड़े के लिये मैच शुल्क का 50 प्रतिशत जुर्माना किये जाने से बीसीसीआई और उसकी मूल संस्था आईसीसी के बीच टकराव की संभावना बन गयी है क्योंकि बीसीसीआई ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के फैसले को चुनौती देने का इरादा जताया है।

रवींद्र जडेजा पर जुर्माने को लेकर BCCI और ICC आमने-सामने

साउथम्पटन : भारतीय आलराउंडर रविंद्र जडेजा पर इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के साथ झगड़े के लिये मैच शुल्क का 50 प्रतिशत जुर्माना किये जाने से बीसीसीआई और उसकी मूल संस्था आईसीसी के बीच टकराव की संभावना बन गयी है क्योंकि बीसीसीआई ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के फैसले को चुनौती देने का इरादा जताया है।

आईसीसी मैच रेफरी डेविड बून ने एंडरसन के साथ मैदानी घटना के लिए जडेजा पर 50 प्रतिशत का जुर्माना लगाया है लेकिन इस खिलाड़ी को लेवल दो अपराध का दोषी नहीं पाया गया है। इंग्लैंड टीम प्रबंधन ने उन पर यह आरोप लगाया था। आईसीसी की घोषणा के कुछ देर बाद ही नाखुश बीसीसीआई ने साफ किया कि वह फैसले से खुश नहीं है और उसने इसके खिलाफ अपील करने का फैसला सुरक्षित रखा है।

बीसीसीआई ने कहा कि वह पूरी तरह से जडेजा के साथ है जिस पर मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है। मैच रैफरी डेविड बून ने उसे खेल भावना के विपरीत आचरण का दोषी पाया। बोर्ड ने बयान में कहा, ‘बीसीसीआई ने मैच रैफरी के फैसले पर गौर किया है जिसमें जडेजा को भारत और इंग्लैंड के बीच नाटिंघम में पहले टेस्ट के दौरान हुई घटना में आचार संहिता के उल्लंघन के लेवल एक के अपराध का दोषी पाया गया है।’

इसमें आगे कहा गया, ‘बीसीसीआई साफ तौर पर कहना चाहता है कि वह फैसले से खुश नहीं है। उसे इसके खिलाफ अपील का अधिकार है। बोर्ड का मानना है कि जडेजा की गलती नहीं थी और हम पूरी तरह से उसके साथ है।’

इंग्लैंड टीम प्रबंधन ने पहले इसे ‘मामूली’ घटना करार दिया था लेकिन बाद में उसने जडेजा के खिलाफ जवाबी आरोप लगा दिये थे। बून ने गुरुवार शाम साउथम्पटन में सुनवाई की जिसमें दोनों खिलाड़ियों, उनकी कानूनी सलाहकारों, गवाहों के अलावा बीसीसीआई की तरफ से एम.वी. श्रीधर और ईसीबी की फिल नील और पाल डाउंटन तथा आईसीसी आचार एवं नियामक वकील ने हिस्सा लिया।

लगभग दो घंटे तक चली बैठक में पूर्व आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज बून ने कहा कि जडेजा के लगाये गये आरोपों में उन्हें केवल ‘खेल भावना के विपरीत व्यवहार’ करने का दोषी पाया गया है। बून ने अपने फैसले पर कहा, ‘संहिता के अनुच्छेद 6.1 के तहत मैं इससे सहमत हूं कि जडेजा को अनुच्छेद 2.2.11 के अंतर्गत अपराध का दोषी ठहराने के लिये अपराध हुआ था।’

उन्होंने कहा, ‘मुझे इसमें कोई संदेह नहीं कि झगड़ा हुआ था और इस तरह का व्यवहार खेल भावना के तहत सही नहीं और ऐसा नहीं होना चाहिए था लेकिन मैं इससे पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूं कि यह लेवल दो का अपराध था। इसलिए संहिता के अनुच्छेद 7.6.5 के तहत और सभी सबूतों को सुनने के बाद मैं इस बात से सहमत हूं कि जडेजा ने संहिता के अनुच्छेद 2.1.8 के तहत लेवल एक का अपराध किया था।’

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