नई दिल्ली : भारतीय ओलंपिक संघ के अगले महीने होने वाले चुनावों में इसके निलंबित अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला भाग नहीं ले सकते हैं लेकिन शीर्ष पदों के लिये अपने गुट के प्रत्याशियों के नामांकन में उनकी भूमिका अहम होगी। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के निर्देशों के अनुसार आईओए संविधान में किये गये संशोधन के कारण चौटाला चुनावों में भाग नहीं ले सकते हैं लेकिन उन्हें विभिन्न पदों के प्रत्याशियों का चुनाव करने का अधिकार दिया गया है जिनमें अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष के पद भी शामिल हैं। चौटाला के अगुवाई वाले गुट की हाल में उनके नयी दिल्ली आवास पर बैठक हुई जिसमें उन्हें उम्मीद्वारों का चयन करने का अधिकार दिया गया।
बैठक में भाग लेने वाले एक अधिकारी ने कहा, हां हमने चौटाला के आवास पर रविवार को बैठक की थी और हमने उन्हें प्रत्याशियों के चयन का अधिकार देने का फैसला किया है। पता चला है कि कुछ सदस्यों ने भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष बीरेंद्र प्रसाद बैश्य और भारतीय स्क्वाश रैकेट महासंघ के अध्यक्ष एन रामचंद्रन का नाम अध्यक्ष तथा हाकी इंडिया के एसोसिएट उपाध्यक्ष राजीव मेहता का नाम महासचिव पद के लिये सुझाया है। जीबीएम और चुनावों में आईओसी के एनओसी संबंधों के निदेशक पेरे मिरो, आईओसी नैतिक आयोग के सदस्य फ्रांसिस्को जे एलिजाल्डे और एशियाई ओलंपिक परिषद के महानिदेशक हुसैन अल मुसाल्लम विश्व संस्था की तरफ से पर्यवेक्षक होंगे।
इसमें 36 एनएसएफ के 109 सदस्य, भारत में आईओसी के सदस्य रणधीर सिंह और 30 राज्य ओलंपिक इकाईयों के 58 सदस्य शामिल हैं। इसके अलावा भारतीय हाकी महासंघ और भारतीय जिम्नास्टिक महासंघ के एक अन्य गुट के तीन तीन सदस्यों को अदालत के आदेशों के तहत मतदान का अधिकार है। इसी तरह से हरियाणा ओलंपिक संघ के अन्य गुट के दो सदस्यों को भी अदालत के आदेशों के तहत मतदाता सूची में शामिल किया गया है। चौटाला को भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के तीसरे प्रतिनिधि के रूप में मतदाता सूची में जगह मिली है। वह हरियाणा एथलेटिक्स संघ के भी अध्यक्ष हैं। मौजूदा महासचिव ललित भनोट भी चौटाला की तरह चुनाव नहीं लड़ सकते हैं लेकिन उन्हें दिल्ली ओलंपिक संघ के दूसरे प्रतिनिधि के तौर पर नामित किया गया है। (एजेंसी)