IPL स्पॉट फिक्सिंग: `हवाला-आतंकी तत्वों की संलिप्तता`

आईपीएल में सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों की जांच करने वाली उच्चस्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि खेलों में सट्टेबाजी और फिक्सिंग में हवाला के धन और आतंकी तत्वों की संलिप्तता राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। जांच समिति ने ऐसे मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित करने की सिफारिश की है।

नई दिल्ली : आईपीएल में सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों की जांच करने वाली उच्चस्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि खेलों में सट्टेबाजी और फिक्सिंग में हवाला के धन और आतंकी तत्वों की संलिप्तता राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। जांच समिति ने ऐसे मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित करने की सिफारिश की है।
जांच रिपोर्ट में कहा गया है, ‘बेहतर होगा कि उच्चतम न्यायालय एक विशेष जांच दल या संयुक्त जांच दल का गठन करे जिसमें प्रवर्तन निदेशालय, राजस्व गुप्तचर निदेशालय और आय कर विभाग जैसी विशेषज्ञ एजेन्सियों के अधिकारियों को शामिल किया जाए।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त जांच दल के लिए सीबीआई या फिर एनआईए नोडल एजेन्सी हो सकती है। विशेष जांच दल या संयुक्त जांच दल सभी लंबित मामलों को अपने में ले और विभिन्न टेपों में उपलब्ध सारी जानकारी की जांच करके अपनी रिपोर्ट एक निश्चित अवधि में शीर्ष अदालत को सौंपे ताकि कानूनी कार्यवाही और मुकदमे के लिए उचित आदेश दिए जा सकें।
समिति के सदस्य नीलय दत्ता ने अलग लेकिन सहमति व्यक्त करते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रिपोर्ट में एकजगह ही सिफारिशों और सुझावों को दिया गया है ताकि क्रिकेट और विशेषरूप से आईपीएल से भ्रष्टाचार और कदाचार को दूर किया जा सके।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मुकुल मुद्गल के अलावा समिति में अतिरिक्त सालिसीटर जनरल एल नागेश्वर राव को भी शामिल किया गया था। राव भी दत्ता के इस विचार से सहमत थे कि समान रूप से पूरे देश में लागू होने वाला कोई कानून नहीं है और इसलिए खेलों में सट्टेबाजी और फिक्सिंग रोकने के लिए मकोका जैस कानून बनाने की आवश्यकता है। (एजेंसी)

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