एशियन गेम्‍स 2014: हॉकी के फाइनल में आज पाकिस्‍तान से भिड़ेगा भारत

दक्षिण एशियाई शैली की हाकी का मनोहर नजारा गुरुवार को यहां एशियाई खेलों की पुरुष हाकी स्पर्धा के फाइनल में देखने को मिलेगा जब भारत और पाकिस्तान खिताबी मुकाबले में जीत दर्ज करके 2016 रियो ओलंपिक में सीधे प्रवेश का हक हासिल करने के इरादे से उतरेंगे।

एशियन गेम्‍स 2014: हॉकी के फाइनल में आज पाकिस्‍तान से भिड़ेगा भारत

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

इंचियोन : दक्षिण एशियाई शैली की हाकी का मनोहर नजारा गुरुवार को यहां एशियाई खेलों की पुरुष हाकी स्पर्धा के फाइनल में देखने को मिलेगा जब भारत और पाकिस्तान खिताबी मुकाबले में जीत दर्ज करके 2016 रियो ओलंपिक में सीधे प्रवेश का हक हासिल करने के इरादे से उतरेंगे।

दोनों टीमों के बीच हुए लीग मुकाबले की तरह इसमें भी जज्बे और आक्रामकता की कोई कमी नहीं होगी। लीग चरण में हालांकि भारत को 1-2 से शिकस्त का सामना करना पड़ा था। भारत और पाकिस्तान एशियाई खेलों की पुरुष स्पर्धा के फाइनल में पिछली बार 1982 में नयी दिल्ली में ध्यान चंद स्टेडियम में आमने सामने थे और तब पाकिस्तान ने उलटफेर करते हुए 7-1 से दर्ज की थी जिसके बाद गोलकीपर मीर रंजन नेगी और डिफेंस की काफी आलोचना हुई थी।

एशियाई हाकी में इसके बाद दक्षिण कोरिया ने काफी प्रगति की जिससे ये दोनों टीमों अब तक फाइनल में दोबारा कभी नहीं भिड़ सकी। आज होने वाला फाइनल दोनों टीमों के बीच एशियाई खेलों में सातवीं खिताबी भिड़ंत होगी। इससे पहले भारत सिर्फ दो मौकों पर जीतने में सफल रहा है और उसने पिछली जीत 1966 बैंकाक खेलों में दर्ज की थी। फाइनल में दोनों ही टीमों पर काफी दबाव होगा और वही टीम जीतेगी को दबाव से बेहतर तरीके से निपटने में सफल रहेगी।
भारत को गोल करने का पहला मौका पांचवें मिनट में मिला लेकिन एसवी सुनील के पास को धर्मवीर सिंह अपने कब्जे में लेने में नाकाम रहे जबकि उन्हें सिर्फ विरोधी गोलकीपर म्युंगहो ली को छकाना था। दूसरे क्वार्टर के तीसरे मिनट में भारत को लगातार दो पेनल्टी कार्नर मिले लेकिन गोलकीपर ली ने वी रघुनाथ के हमलों को विफल कर दिया।

रमनदीप सिंह और गुरविंदर सिंह चांडी ने एक बार फिर निराश किया लेकिन बीरेंद्र लाकड़ा, रघुनाथ, मनप्रीत सिंह और रूपिंदर पाल सिंह की रक्षापंक्ति ने ठोस खेल दिखाया। दाएं छोर से गुरबाज सिंह ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन किया जबकि सुनील ने उनका अच्छा साथ निभाया। भारत को लगातार प्रयासों के बाद 44वें मिनट में सफलता मिली जब आकाशदीप ने काफी मुश्किल कोण से गोल करते हुए टीम को बढ़त दिला दी। एक गोल से पिछड़ने के बाद कोरियाई टीम ने अंतिम क्वार्टर में हमले बढ़ा दिए लेकिन भारतीय डिफेंस को भेदने में नाकाम रहे। कोरिया को मैच खत्म होने से दो मिनट पहले अपना पहला और एकमात्र पेनल्टी कार्नर भी मिला लेकिन भारतीय डिफेंस ने एक बार फिर विरोधी टीम को गोल करने से रोक दिया।

भारत के मुख्य कोच टैरी वाल्श ने बाद में कहा कि टीम ने कुछ मौके गंवाए लेकिन वह खिलाड़ियों ने जो उर्जा दिखाई उससे संतुष्ट हैं।
वाल्श ने कहा कि हमें पता है कि कोरिया काफी अच्छी टीम है और यह साबित हुआ। यह कड़ा मुकाबला था। हम कुछ मौके बनाए जिन्हें भुना नहीं पाए लेकिन एक टीम के रूप में अपने काफी उर्जा दिखाई और पूरे मैच के दौरान इसे बनाए रखा। उन्होंने कहा कि हमारे कई खिलाड़ियों से टूर्नामेंट में अब तक के अपने प्रदर्शन से एक स्तर बेहतर खेल दिखाया है। लीग चरण और नाकआउट में खेलने में काफी अंतर है। हम जब पिछली बार फाइनल में खेले थे तो राष्ट्रमंडल खेलों में आस्ट्रेलिया से 0-4 से हार गए थे। यह सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा है। वाल्श ने हालांकि कहा कि खिलाड़ियों को गेंद पर नियंत्रण रखने में सुधार करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि खिलाड़ी अब भी गेंद पर अच्छी तरह नियंत्रण नहीं रख पा रहे हैं। हमने उन्हें एक पेनल्टी कार्नर तक सीमित रखा और वह भी मैच के अंतिम लम्हों में जो काफी अच्छा था। वाल्श ने कहा कि उनके लिए सबसे बड़ी चिंता खिलाड़ियों का खिताबी मुकाबले के लिए उबरना है जो दो दिन में खेला जाएगा। भारतीय कोच ने कहा कि वे चर्चा करने और वीडियो देखने के बाद पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल की तैयारी करेंगे। भारत को लीग मैच में पाकिस्तान के हाथों 1-2 से हार का सामना करना पड़ा था।

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