तेलंगाना को मंजूरी के बाद अब ध्यान आंध्र प्रदेश के लिए राजधानी शहर पर

तेलंगाना राज्य के गठन को संसद से मंजूरी मिलने के बाद अब सारा ध्यान शेष आंध्र प्रदेश राज्य के लिए नई राजधानी ‘ढूंढ़ने’ पर केंद्रित हो गया है ।

हैदराबाद : तेलंगाना राज्य के गठन को संसद से मंजूरी मिलने के बाद अब सारा ध्यान शेष आंध्र प्रदेश राज्य के लिए नई राजधानी ‘ढूंढ़ने’ पर केंद्रित हो गया है । केंद्र की प्रतिबद्धता के अनुरूप आंध्र प्रदेश के लिए नई राजधानी की पहचान तेलंगाना राज्य के औपचारिक गठन के बाद 45 दिन के भीतर करनी होगी ।
तेलंगाना और शेष आंध प्रदेश के लिए यद्यपि हैदराबाद ‘संयुक्त’ राजधानी होगा, लेकिन तटीय आंध्र और रायलसीमा क्षेत्र के लोग जल्द से जल्द नई राजधानी चाहेंगे । शेष आंध्र का निर्माण करने वाले तटीय आंध्र और रायलसीमा क्षेत्रों में बंदरगाह शहर विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, कुर्नूल और तिरूपति बड़े शहर हैं । इन सभी शहरों की अपनी..अपनी खास विशेषता है और ये नए राज्य की राजधानी का दर्जा पाने के दावेदार हैं ।
विशाखापत्तनम जिसे विजाग भी कहा जाता है, में एक बड़ा बंदरगाह, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के कई उद्योग हैं और यह पूर्वी नौसैनिक कमान का मुख्यालय है । यह देश के पूर्वी भागों से अच्छी तरह से जुड़ा है और यहां सार्वत्रिक संस्कृति है ।
विजाग में एक अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा है, लेकिन यह नौसेना की कमान के नियंत्रण में है । रक्षा मंजूरी न मिलने से असैन्य अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के विकास के प्रयास सफल नहीं रहे हैं । विजयवाड़ा शैक्षिक एवं सांस्कृतिक केंद्र होने के साथ ही ‘व्यावसायिक राजधानी’ और ‘राजनीतिक राजधानी’ के रूप में जाना जाता है । यह रेलवे से अच्छी तरह से जुड़ा है । यहां वर्तमान में एक घरेलू हवाईअड्डा है जहां से नयी दिल्ली सहित बड़े शहरों के लिए रोजाना उड़ानों का संचालन होता है ।
कृष्णा नदी के किनारे स्थित विजयवाड़ा के पास पानी के अच्छे संसाधन हैं । लेकिन जमीन कम है । :एकीकृत: आंध्र प्रदेश के अस्तित्व में आने से पहले कुर्नूल, आंध्र राज्य की राजधानी था । लेकिन इसकी अवस्थिति इसके लिए एक नुकसान का सौदा है क्योंकि यह तटीय जिलों से दूर है । तिरूपति विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल है, लेकिन यह राज्य की सीमा पर स्थित है । रोचक बात यह है कि विजाग के लोगों के बारे में कहा जाता है कि वे नहीं चाहते कि उनका शहर नई राजधानी बने ।
बताया जाता है कि इन लोगों की चिंता यह है कि इससे उनकी ‘शांति बाधित होगी ।’ नई राजधानी के लिए विजयवाड़ा उपयुक्त दिखाई देता है । इसके कई लाभों में इसका मध्य में स्थित होना और सड़क एवं रेल मार्ग के जरिए आसान पहुंच भी शामिल हैं । बताया जाता है कि अधिकारी शेष आंध्र की राजधानी के लिए विजयवाड़ा को उपयुक्त मानते हैं ।
कहा जाता है कि अधिकारियों ने विजयवाड़ा और गुंटूर के बीच 800 एकड़ जमीन की पहचान की है, ताकि नई राजधानी के लिए आवश्यक आधाभूत ढांचा विकसित किया जा सके । एक शीर्ष सरकारी नौकरशाह ने कहा कि यह सर्वश्रेष्ठ जगह है, लेकिन बेहतर होगा कि नई राजधानी विजयवाड़ा से कुछ दूरी पर स्थित हो । कृष्णा जिले का नुजिविडू क्षेत्र एक अच्छा विचार होगा जो विजयवाड़ा से महज एक घंटे की दूरी पर है । (एजेंसी)

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