नई दिल्ली : सीबीआई ने बदायूं दोहरे बलात्कार और हत्याकांड में सभी पांच आरोपियों की ‘झूठ पकड़ने वाली मशीन से की जाने वाली जांच’ गुरुवार को पूरी कर ली और कहा कि उसने उनके बयानों में कुछ अंतर पाया है।
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि ‘पोलीग्राफ टेस्ट’ सभी पांच आरोपियों पर पूरी कर ली गई है और एजेंसी मृतकाओं के परिवारों की ऐसी ही जांच कर सकती है। किसी खास सूचना का खुलासा किए बगैर सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान कुछ सवालों पर अंतर पाया गया। कोई ब्योरा साझा किए जाने से जांच प्रभावित हो सकती है।
दोनों चचेरी बहनों की उम्र क्रमश: 14 और 15 साल थी। ये 27 मई की रात को अपने घर से लापता हो गई थी और उनका शव 28 मई को उशैत इलाका स्थित गांव में आम के एक पेड़ से लटकता पाया गया था। दोनों लड़कियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ कि हत्या से पहले उनसे बलात्कार किया गया था।
पांचों आरोपियों के नाम पप्पू यादव, अवधेश यादव, उर्वेश यादव और कांस्टेबल छत्रपाल यादव तथा सर्वेश यादव है। मामले के सिलसिले में इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना को लेकर राष्ट्रव्यापी रोष छा गया था और उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताई गई थी। केंद्रीय फोरेंसिक प्रयोगशाला की एक टीम ने यहां आरोपियों की पोलीग्राफ जांच की।
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि अपराध के बारे में और इसमें कथित संलिप्तता के बारे में कई सवाल जांच के दौरान आरोपियों के समक्ष रखे गए।