कुशासन लाने के लिए फिर एकजुट हो रहे हैं कांग्रेस और RJD: नीतीश

अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और राजद के बीच गठबंधन होने के संकेत पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इन दोनों दलों का रिश्ता पुराना है तथा वे इस राज्य में कुशासन और खराब विधि व्यवस्था के उसी काले दिनों को फिर से वापस लाने की कोशिश में लगे हैं।

मुजफ्फरपुर : अगले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और राजद के बीच गठबंधन होने के संकेत पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इन दोनों दलों का रिश्ता पुराना है तथा वे इस राज्य में कुशासन और खराब विधि व्यवस्था के उसी काले दिनों को फिर से वापस लाने की कोशिश में लगे हैं।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने को जदयू द्वारा आज यहां आयोजित संकल्प रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस और राजद के बीच गठबंधन होने के संकेत पर नीतीश ने कहा कि इन दोनों दलों का रिश्ता पुराना है तथा वे इस राज्य में कुशासन और खराब विधि व्यवस्था के उसी काले दिनों को फिर से वापस लाने की कोशिश में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन दोनों दलों के बीच गठजोड पुराना है और उनकी सरकार के सत्ता में आने के पूर्व बिहार की जो बदहाली हुई उस समय इन दोनों दलों की मिली-जुली सरकार में हुई थी।
चारा घोटाला के एक मामले उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने में ढाई महीने से अधिक समय से रांची जेल में बंद रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की रिहाई की चर्चा करते हुए नीतीश ने कहा कि वे ऐसे व्यवहार कर रहे हैं जैसे स्वतंत्रता की लडाई लडकर अंदर (जेल) गए थे।
राजद द्वारा लालू के जेल जाने के लिए नीतीश को जिम्मेवार ठहराए जाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि दिल्ली में कांग्रेस नीत संप्रग की सरकार है और जिस सीबीआई ने उन्हें जेल भेजा वह केंद्र सरकार के अधीन काम करती है।
नीतीश ने लालू पर ऐसा लोगों की सहानुभूति हासिल करने के लिए ऐसा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे जेल गए अपनी ‘करनी के कारण’ गए। उन्होंने कहा कि लालू का जेल जाना कोई कोई राजनीतिक घटना नहीं है बल्कि न्यायिक फैसला था। उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में सजा हुई थी, पर जेल से बाहर आने के बाद लालू जिस प्रकार से अपने पेश कर रहे उसे बढकर कोई और हो ही नहीं सकता।
नीतीश ने कहा कि न तो वे लालू के जेल जाने और न ही उनके जेल से बाहर आने पर कोई प्रतिक्रिया दी, पर बिहार की जनता यह समझती है कि लालू किस कारण से जेल गए। अदालत से सजा मिलने पर जेल गए और उसी से जमानत मिलने पर बाहर आए। नीतीश ने कहा कि पिछले राजद शासनकाल की ओर इशारा करते हुए कहा कि बिहार की गाडी जो पटरी से उतर गयी थी उसे पिछले आठ साल के अपने शासनकाल के दौरान उन्होंने उसे सही रास्ते पर लाने के लिए रात-दिन मेहनत की है।
राजद शासनकाल के दौरान बिगड गयी विधि व्यवस्था की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय लोग शाम होने से पहले अपने घर लौट जाना चाहते थे। घर के लोगों को चिंता होती थी। आज वातावरण बदला है बिहार में शहर हो या गांव कानून का राज कायम हुआ है। नीतीश ने लोगों को आगाह किया कि राजद शासनकाल के दौरान बिहार में जो माहौल था उसे याद करें और फिर से उस माहौल को कायम करने की कोशिश होगी। उन्होंने कहा कि कौन कहता है कि राजद शासनकाल के दौरान बिहार में पैसा नहीं था क्योंकि अगर राज्य के खजाने में राशि नहीं थी तो चारा घोटाले के जरिए खजाना को कैसे लूटा गया।
नीतीश ने कहा कि प्रदेश के पिछले राजद शासनकाल और उनके शासनकाल में यही अंतर है कल राज्य के खजाने को लूटा जाता था आज उसे प्रदेश के विकास कार्यों में लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ हमारा गठबंधन कार्यक्रमों के आधार पर आधारित था जिसमें न तो विवादित मुद्दों को उभारा जाएगा और न ही विवादित व्यक्तियों (नरेंद्र मोदी) को सामने लाया जाएगा। नीतीश ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में वह चला पर बाद में विवादित मुद्दों को उभारने की कोशिश होने लगी।
नीतीश ने दावा किया कि भाजपा के साथ गठबंधन के समय यह तय हुआ था कि जम्मू-कश्मीर से जुडी धारा 370 को अक्षुण्ण रखा जाएगा, समान आचार संहिता थोपने की बात नहीं होगी तथा अयोध्या मसले का समाधान आपसी बातचीत या अदालत के फैसले से होगा। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने देखा कि विवादित मुद्दों और लोगों को सामने लाने की कोशिश हो रही है। ऐसे में हम लोगों को लगा कि अब एक साथ आगे चलना संभव नहीं है, इसलिए सिद्धांत की खातिर इस गठबंधन से अलग होने का निर्णय लिया।
नीतीश ने कहा कि हम जानते थे कि बिहार में जो सरकार थी उसे जदयू और भाजपा के विधायकों की संख्या को मिलाकर प्रचंड ताकत थी पर सरकार रहे या जाए हमें यह मंजूर नहीं था। वह अपने बुनियादी सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि इस देश में सभी मजहब के लोगों को समान रूप से जीने और आगे बढने का अधिकार है और किसी के साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। नीतीश ने भाजपा पर बिहार में वातावरण को बिगाडने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए जनता से अपील की कि वे गोलबंद होकर संप्रदायिक ताकतों को परास्त करें। उन्होंने कहा कि ऐसे में हम सभी को यह संकल्प लेना होगा कि किसी भी हालत में राज्य में सदभाव को बिगडने नहीं देंगे।
नीतीश ने कहा कि केंद्र बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे दे और नहीं दिया तो इसे अगले चुनाव में इसको मुद्दा बनाएंगे। इस संकल्प रैली के माध्यम से यह हम घोषणा करते हुए यह अगले लोकसभा चुनाव का मुद्दा होगा। हम लोगों को इतनी ताकत चाहिए कि जिससे केंद्र अनदेखी नहीं कर सके और बिहार जैसे गरीब और पिछडे प्रदेश को विशेष राज्य पाने का उसका हक मिले।
नीतीश ने कहा कि नालंदा जिला के राजगीर में 28-29 अक्तूबर को आयोजित जदयू के चिंतन शिवर में उनकी पार्टी ने पूरे बिहार में 12 संकल्प रैलियों के आयोजन का फैसला लिया है। पहली संकल्प रैली चंपारण में, दूसरी रैली पूर्णिया में और तीसरी रैली मुजफ्फरपुर में आयोजित की जा रही है। उन्होंने कहा कि इन संकल्प रैलियों का आयोजन हमलोगों ने संकल्प लेने के लिए लिया है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मुहिम अधिकार यात्रा और रैलियों के माध्यम से जो हमने छेडा था उससे कंेद्र सरकार हरकत में आयी थी पर उस पर आगे की कार्रवाई नहीं हो रही है।
नीतीश ने कहा कि विशेषज्ञों की कमेटी (रघुराम राजन कमेटी) बनी जिसकी रिपोर्ट हमें पूरे तौर पर मंजूर नहीं है और महशूर अर्थशास्त्री शैवाल गुप्ता ने इसको लेकर विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि जो भी रिपोर्ट आयी थी उसमें भी गुंजाईश थी और केंद्र चाहता तो बिहार को और विशेष सहायता दे सकता था और अगर केंद्र चाहता तो बिहार और उसके जैसे अन्य पिछडे राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा भी दे सकता था लेकिन केंद्र की सरकार ने आगे की कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने अपनी सरकार के न्याय के साथ विकास के नारे को दोहराते हुए कहा कि बिहार भी भारत का अंग है और इस प्रदेश को अगर विकास में भागीदार बनाया जाएगा तो देश का विकास दर नीचे कभी जाएगा, आगे बढता चला जाएगा। नीतीश ने कहा कि हम स्तर पर बिहार में विकास का काम कर रहे पर उससे इस प्रदेश को अन्य विकसित प्रदेशों के बराबरी में आने में 25 साल लग जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी युवा पीढी इतने लंबे समय तक इंतजार नहीं कर सकती इसलिए बिहार के विकास के लिए उसे विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना जरूरी है। (एजेंसी)

Zee News App: पाएँ हिंदी में ताज़ा समाचार, देश-दुनिया की खबरें, फिल्म, बिज़नेस अपडेट्स, खेल की दुनिया की हलचल, देखें लाइव न्यूज़ और धर्म-कर्म से जुड़ी खबरें, आदि.अभी डाउनलोड करें ज़ी न्यूज़ ऐप.