दिल्ली विधानसभा का पहला सत्र आज से, केजरीवाल ने नए साल में दिया बिजली का तोहफा

दिल्ली की नई विधानसभा का पहला सत्र आज से शुरू हो रहा है जो सात जनवरी तक चलेगा। इसी दौरान अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार सदन में विश्वास मत हासिल करने का प्रयास करेगी।

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो
नई दिल्ली : दिल्ली की नई विधानसभा का पहला सत्र आज से शुरू हो रहा है जो सात जनवरी तक चलेगा। इसी दौरान अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार सदन में विश्वास मत हासिल करने का प्रयास करेगी। वहीं, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने अपने एक और बड़े वादे को पूरा करते हुए 400 यूनिट तक की बिजली की खपत पर 50 प्रतिशत सब्सिडी की घोषणा की।
नए विधायकों को आज पद की शपथ दिलाई जाएगी जबकि सरकार दो जनवरी को विश्वास मत हासिल करने का प्रयास करेगी। विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव तीन जनवरी को होना है। उपराज्यपाल नजीब जंग छह जनवरी को सदन को संबोधित करेंगे। सात जनवरी को जंग के अभिभाषण पर चर्चा होगी।
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में आप के 28 विधायक हैं जो बहुमत की संख्या से आठ कम है। आप को कांग्रेस के आठ विधायकों का समर्थन है जिसके बदौलत वह बहुमत पा सकती है। सदन में भाजपा के 31 और सहयोगी अकाली दल का एक विधायक है। आप ने पहली बार विधायक बने एमएस धीर को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है।
उधर, केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार ने 400 यूनिट तक की बिजली की खपत पर 50 प्रतिशत सब्सिडी की घोषणा की। इसके साथ ही वह तीन निजी बिजली वितरण कंपनियों की कैग से ऑडिट कराने की भी तैयारी कर रही है। प्रतिदिन 667 लीटर मुफ्त पानी के वादे को अमलीजामा पहनाने के एक दिन बाद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में दिल्लीवासियों को बिजली दर में कटौती की सौगात का फैसला किया गया। इस सब्सिडी से दिल्ली के 28 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। विधानसभा चुनावों से पहले बिजली पर सब्सिडी देना आप के प्रमुख वादों में से एक था। बिजली पर सब्सिडी की घोषणा से एक दिन पहले केजरीवाल ने 20 किलोलीटर प्रति माह जल मुफ्त में देने की घोषणा की थी। सब्सिडी केवल तीन महीनों के लिए उपलब्ध होने से जुड़े सवालों पर केजरीवाल ने कहा कि इस बारे में आगे के फैसले आडिट रिपोर्ट आने के बाद ही होंगे। उन्होंने कहा कि तीनों कंपनियों द्वारा अपनी खातों की जांच कराने के प्रस्ताव पर सरकार को नजरिया पेश करने के बाद कैबिनेट की बैठक होगी। केजरीवाल ने कहा कि उनके जवाबों का अध्ययन करने के बाद ही हम इस बारे में फैसला करेंगे कि आडिट होगा या नहीं। नियंत्रक के होने के बावजूद बिजली की दरों में कटौती के फैसले का अधिकार सरकार को है या नहीं, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को सब्सिडी देने का अधिकार है।

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