58 दिनों से फरार नारायण साईं की कैसे हुई गिरफ्तारी, जानिए

आखिरकार दो महीने (58 दिन ) के बाद आसाराम बापू का भगोड़ा बेटा नारायण साईं पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया।

ज़ी मीडिया ब्यूरो
पीपली (कुरूक्षेत्र): आखिरकार दो महीने (58 दिन ) के बाद आसाराम बापू का भगोड़ा बेटा नारायण साईं पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। दिल्ली और सूरत पुलिस के संयुक्त अभियान में साईं को हरियाणा में कुरूक्षेत्र के पास पीपली गांव से गिरफ्तार किया गया। पुख्ता सूचना मिलने के बाद पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी। पुलिसवालों ने छापा मारा। नारायण साईं ने एक सरदार का वेष धारण किया हुआ था। वह एक गौशाले में कुटिया बनाकर रह रहा था। सूरत की दोनों बहनों में से छोटी बहन ने साईं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि उसने वर्ष 2002 से 2005 तक लगातार उसका यौन उत्पीड़न किया। उस दौरान पीड़िता सूरत आश्रम में रह रही थी।
नारायण साईं की गिरफ्तारी का घटनाक्रम:
6 अक्टूबर: नारायण साई पर लगा यौन शोषण का आरोप। सूरत में दो बहनों ने साई के खिलाफ सूरत के जहांगीरपुरा थाने में रेप केस दर्ज कराया। इसके बाद साई फरार हो गया।
7 अक्टूबर: साई के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी।
29 अक्टूबर: साई के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी।
11 नवंबर: सूरत की एक अदालत ने साईं को भगोड़ा घोषित किया। कोर्ट ने साई को 11 दिसंबर तक सरेंडर करने का आदेश दिया। इस बीच साई ने जमानत के लिए अर्जी दी।
21 नवंबर: साईं की जमानत अर्जी खारिज।
3 दिसंबर: दो महीने की कोशिशों के बाद मंगलवार रात को पीपली गांव के पास से साईं गिरफ्तार हुआ।

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