ज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली/पटना: लोकसभा चुनाव करीब आते ही बिहार की राजनीति गरमा गई। राजनीतिक उठापटक और जोड़तोड़ तेजी से चल रही है। लंबे समय से लालू के करीबी रहे रामविलास पासवान ने भाजपा से हाथ मिला लिया है। खबर है कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद को कांग्रेस भी भाव नहीं दे रही है। इससे नाराज लालू दिल्ली से पटना लौट गए, और बोले कि अब गठबंधन पटना में ही होगा।
लालू प्रसाद यादव ने आज साफ कर दिया है वह कांग्रेस को बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 11 सीटें देंगे, जबकि एक सीट एनसीपी को देने को तैयार हैं। राज्य की बाकी 28 सीटों पर राजद अपने उम्मीदवार लाएगी। लालू ने कहा है कि अब कांग्रेस तय करे कि उसे क्या करना है।
लालू ने स्पष्ट रूप से घोषणा की राजद अपने दम पर आम चुनाव की तैयारी शुरू करेगी। उन्होंने कहा, अब कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए बार बार दिल्ली का चक्कर लगाने का समय नहीं है। मैं अब चुनाव प्रचार अभियान पर ध्यान दूंगा। लालू ने यह भी कहा कि दिल्ली जाकर गठबंधन के मुद्दे पर बैठक करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा, हमारी फोन पर बातचीत होती रहेगी। लालू ने कहा कि उन्हें अब भी कांग्रेस के साथ गठबंधन की उम्मीद है, लेकिन यह भी कहा कि सांप्रदायिक बलों को हराने के लिए गठबंधन निर्माण की जिम्मेदारी अकेले उनकी पार्टी की नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा है कि अब गठबंधन नहीं, `लठबंधन` का समय है। लालू की यह नाराजगी बिहार में आरजेडी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को खटाई में डाल सकती है। लालू प्रसाद यादव ने यहां तक कह दिया कि उनकी पार्टी अब बिहार की सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि गठबंधन की जिम्मेवारी सिर्फ हमारी नहीं है। गठबंधन सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए ही कोशिश है। इसमें कांग्रेस को भी अपनी तरफ से कोशिश करनी होगी।
लालू के एक करीबी राजद नेता ने बताया कि मधुबनी और पूर्वी चंपारण सीटों को लेकर कांग्रेस और राजद में समझौता नहीं हो पाया है, हालांकि कांग्रेस बिहार में 40 लोकसभा सीटों में से 25 सीटों पर राजद के चुनाव लड़ने और 15 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़ा करने की बात पर सहमत है, लेकिन मधुबनी और पूर्वी चंपारण की सीट पर कांग्रेस की नजर है और राजद अध्यक्ष इसी बात से सदमे में हैं।
वहीं जदयू से निकाले गए नेता शिवानंद तिवारी का कहना है कि गठबंधन में लालू को अहमियत देनी होगी, तभी इस गठबंधन के फायदे होंगे। उधर, राजद नेता मनोज झा जल्द से जल्द गठबंधन के ऐलान की बात कह रहे हैं, जबकि भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी का कहना है कि राजद और कांग्रेस के बीच दरार सामने आने से यह बात साफ हो गई है कि खुद को धर्मनिरपेक्ष कहने वाली पार्टियों का मोर्चा पूरी तरह से खोखला है।
शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव शकील अहमद ने भी कहा था कि बिहार में गठबंधन को लेकर अस्पष्टता जल्द दूर होनी चाहिए। उधर खबर है कि कांग्रेस के कुछ नेता बिहार में नीतीश कुमार के साथ गठबंधन करना चाहते हैं, जिसकी भनक लगते लालू प्रसाद उखड़ गए हैं। हालांकि, कांग्रेस के जेडीयू के साथ जाने की संभावना नहीं के बराबर दिख रही है, क्योंकि जेडीयू अब 11 दलों के गैर कांग्रेस और गैर भाजपा मोर्चे का एक हिस्सा है।
लालू प्रसाद यादव
लोकसभा चुनाव: लालू ने कहा, 'कांग्रेस को 11 से ज्यादा सीटें नहीं देंगे'
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद को कांग्रेस भी भाव नहीं दे रही है। इससे नाराज लालू दिल्ली से पटना लौट गए, और बोले कि अब गठबंधन पटना में ही होगा।
Zee News App: पाएँ हिंदी में ताज़ा समाचार, देश-दुनिया की खबरें, फिल्म, बिज़नेस अपडेट्स, खेल की दुनिया की हलचल, देखें लाइव न्यूज़ और धर्म-कर्म से जुड़ी खबरें, आदि.अभी डाउनलोड करें ज़ी न्यूज़ ऐप.