हरियाणा में फिर चलेगा मोदी का जादू!

लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक रहे नरेंद्र मोदी केंद्र में कांग्रेस की सत्ता को उखाड़ कर पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार बनाने के बाद अब राज्यों में भी कांग्रेस का सफाया करने के लिए चुनावी समर में कूद चुके हैं।

हरियाणा में फिर चलेगा मोदी का जादू!

रामानुज सिंह

लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक रहे नरेंद्र मोदी केंद्र में कांग्रेस की सत्ता को उखाड़ कर पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार बनाने के बाद अब राज्यों में भी कांग्रेस का सफाया करने के लिए चुनावी समर में कूद चुके हैं। हरियाणा में लगातार 10 सालों से कांग्रेस की सरकार है, लेकिन इस विधानसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी हरियाणा में कमल खिलाने के लिए खुद जी जान से प्रयास कर रहे हैं, पूरे प्रदेश में कई जन सभाएं कर चुके हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या लोकसभा की तरह हरियाणा विधानसभा में चुनाव में मोदी का जादू चलेगा?

लोकसभा और विधानसभा चुनाव के हालात और परिस्थितियां अलग-अलग होते हैं। लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दे होते हैं जबकि विधानसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे हावी होते हैं। मतदाता सीधे तौर पर स्थानीय मुद्दे, स्थानीय समस्याओं और स्थानीय नेताओं से ज्यादा जुड़े होते हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में सांसदों से ज्यादा विधायकों से जरूरत पड़ती है। गली मुहल्ले के विकास, तहसील, ब्लॉक स्तर के अन्य कामों में विधायकों से मदद लेते हैं। ऐसे में मतदाता पार्टी के दायरे से ऊपर उठकर हमेशा अपने हितों को ध्यान में रखकर वोट करते हैं।

देश के विकसित राज्यों में एक हरियाणा में भी विधानसभा चुनाव में जातीय समीकरण हावी होता है। यहां की राजनीति में सबसे अधिक प्रभाव जाट और पंजाबियों का है। इसके अलावा विश्नोई, सैनी और वैश्य का भी अहम योगदान है। बिहार और उत्तर प्रदेश की तरह यहां भी चुनावों में जातीय कार्ड जमकर इस्तेमाल किया जाता है। इसीलिए तो शिक्षक नियुक्ति घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला को 10 साल जेल की सजा मिलने के बावजूद उनकी पार्टी चुनावी मैदान में बड़ी ताकतों में से एक है। हरियाणा के चुनावी एक्सपर्ट ने बताया कि प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस को इनेलो अच्छी टक्कर देगी, हो सकता है इनेलो प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी भी बनकर उभरे। जातीय कार्ड के साथ-साथ धन बल का भी इस्तेमाल जमकर होता है। हमारे सुत्रों ने बताया कि मतदातों को खरीदने का काम जोरों पर है।

इस बार हरियाणा विधानसभा चुनाव में 1343 में से 563 (42%) उम्मीदवार करोड़पति हैं। 2009 में 1186 में से 380 (32%) उम्मीदवार करोड़पति थे। 1343 में से 122 उम्मीदवारों नें अपनी संपत्ति 10 करोड़ से ज्यादा घोषित की है। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2009 मे 41 उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति 10 करोड़ से ज्यादा घोषित की थी। 9 उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति 100 करोड़ से ज्यादा घोषित की है। सबसे ज्यादा करोड़पति उम्मीदवार कांग्रेस ने उतारे हैं। उसके 90 उम्मीदवारों में से 81 (90%) करोड़पति हैं। दूसरे नंबर पर है बीजेपी जिसके 90 उम्मीदवारों में से 77 (86%) करोड़पति हैं। आईएनएलडी के 88 उम्मीदवारों में से 72 (82%) करोड़पति हैं। हरियाणा जनहित कांग्रेस के 65 उम्मीदवारों में से 37 (57%) करोड़पति हैं।
 
हरियाणा में सबसे अमीर उम्मीदवार महेंद्रगढ़ की अटेली सीट से चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी रवि चौहान हैं। उनकी कुल संपत्ति है करीब 212 करोड़ रुपए है। रवि चौहान किसान और कारोबारी हैं। दूसरे नंबर पर हरियाणा जनचेतना पार्टी की पचकुला की कालका सीट से उम्मीदवार शक्ति रानी हैं।उनकी कुल संपत्ति करीब 166 करोड़़ रुपए है। शक्ति रानी हरियाणा जनचेतना पार्टी के मुखिया विनोद शर्मा की पत्नी हैं। तीसरे नंबर पर इसी पार्टी प्रमुख और अंबाला सिटी सीट से उम्मीदवार विनोद शर्मा हैं। उनकी कुल संपत्ति करीब 153 करोड़ रुपए है। विनोद शर्मा जेसिकालाल हत्याकांड के गुनहगार मनु शर्मा के पिता हैं। अमीर उम्मीदवारों में गोपाल कांडा का नंबर चौथा है। गोपाल कांडा सिरसा सीट से हरियाणा लोकहित पार्टी के उम्मीदवार हैं। उनकी कुल संपत्ति 114 करोड़ रुपए है। गोपाल कांडा चर्चित गीतिका खुदकुशी कांड के आरोपी हैं। हरियाणा की 5वीं सबसे अमीर उम्मीदवार कांग्रेस पार्टी को ओर से हिसार सीट पर चुनाव लड़ रही सावित्री जिंदल हैं। सावित्री जिंदल की कुल संपत्ति 113 करोड़ रुपए है। सावित्री जिंदल, जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड की चेयरमैन हैं।

हरियाणा चुनाव में धन बल के अलावे बाहु बल का भी इस्तेमाल होता है। हरियाणा इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफोर्म्स ने हरियाणा विधानसभा चुनाव 2014 में चुनाव लड़ रहे 1351  में से 1343 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है। 1343 में से 94 (7%) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामलें घोषित किए हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2009 में 109 (9%) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए थे। जिनके ऊपर हत्या, हत्या का प्रयास, सांप्रदायिक दंगे, महिलाओं के ऊपर अत्याचार से संबंधित अपराध इत्यादि शामिल हैं। हरियाणा जनहित कांग्रेस ने 65 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं जिसमें से 10 पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। आईएनएलडी ने 88 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं जिसमें से 10 पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। भाजपा के 90 उम्मीदवारों में से 9 पर क्रिमिनल केस चल रहे हैं। कांग्रेस में सबसे कम यानी 90 उम्मीदवारों में से 4 पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं।

जहां चुनाव में धन बल और बाहु बल का इस्तेमाल जमकर हो रहा है वहां भाजपा के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी जनता को प्रदेश में गुजरात जैसे विकास की धारा बहाने का वादा दिला रहे हैं। उनका कहना है कि जिस तरह आपने केंद्र में कांग्रेस की भ्रष्ट सरकार उखाड़ फेंका। उसी तरह हरियाणा से भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार को हटाकर भाजपा की सरकार बनाइए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्र में सत्ता संभालने के बाद अपने 100 दिनों के कामों बारे में जनता को बता रहें। उन्होंने जापान, अमेरिका दौरे के बाद देश में पूंजी निवेश होने से रोजगार बढ़ने की बात कह रहे हैं। उनका मानना है कि एनडीए के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था अब तेज गति से दौड़ेगी। मोदी ने हरियाणा में परिवारवाद, भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार पर हमला करते हुए लोगों से विधानसभा चुनाव में भाजपा को वोट देने की अपील की। महंगाई कम करने में असफल रही मोदी सरकार इस सब आश्वासनों से हरियाणा की जनता को कितना लुभा पाएगी यह चुनाव परिणाम से ही पता चलेगा। दूसरी ओर हरियाणा में मुख्यमंत्री के तौर पर भाजपा का कोई एकमत चेहरा नहीं है। जिस तरह कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा, आईएनएलडी के लिए अभय चौटाला, हजकां के लिए कुलदीप विश्नोई हैं।  

Zee News App: पाएँ हिंदी में ताज़ा समाचार, देश-दुनिया की खबरें, फिल्म, बिज़नेस अपडेट्स, खेल की दुनिया की हलचल, देखें लाइव न्यूज़ और धर्म-कर्म से जुड़ी खबरें, आदि.अभी डाउनलोड करें ज़ी न्यूज़ ऐप.