‘लव जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल रोकने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ ने गुरुवार को ‘लव जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल रोकने और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के आग्रह वाली एक जनहित याचिका पर राज्य सरकार और केंद्रीय चुनाव आयोग के वकीलों को निर्देश प्राप्त करने के लिये 10 दिन का वक्त देते हुए मामले की अगली सुनवाई 15 सितम्बर को तय की।

लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ ने गुरुवार को ‘लव जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल रोकने और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के आग्रह वाली एक जनहित याचिका पर राज्य सरकार और केंद्रीय चुनाव आयोग के वकीलों को निर्देश प्राप्त करने के लिये 10 दिन का वक्त देते हुए मामले की अगली सुनवाई 15 सितम्बर को तय की।

न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तजा और न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार सिंह की खण्डपीठ ने यह व्यवस्था स्थानीय अधिवक्ता पंकज तिवारी की जनहित याचिका पर दी। याची के वकील चंद्रभूषण पाण्डेय की दलील थी कि ‘लव जिहाद’ शब्द नई तरह की साम्प्रदायिकता पैदा कर रहा है। ऐसे में इसके इस्तेमाल पर रोक लगायी जानी चाहिये।

याचिकाकर्ता ने लव जिहाद शब्द का इस्तेमाल करके साम्प्रदायिकता फैलाने के आरोप में भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कार्रवाई किये जाने और भाजपा के वरिष्ठ नेता केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र को चुनाव प्रचार करने से रोकने के लिये चुनाव आयोग को निर्देश दिये जाने की गुजारिश की है। साथ ही एक उच्चस्तरीय समिति बनाकर उत्तर प्रदेश में कथित तौर पर हो रही साम्प्रदायिक हिंसा को रोकने के निर्देश दिये जाने का भी आग्रह किया गया है।

राज्य सरकार और चुनाव आयोग की तरफ से अधिवक्ताओं ने मामले में निर्देश प्राप्त कर पक्ष पेश करने को समय दिये जाने का आग्रह किया, जिस पर अदालत ने उन्हें इसके लिये 10 दिन का वक्त देकर मामले की अगली सुनवाई 15 सितम्बर को तय की है।

Zee News App: पाएँ हिंदी में ताज़ा समाचार, देश-दुनिया की खबरें, फिल्म, बिज़नेस अपडेट्स, खेल की दुनिया की हलचल, देखें लाइव न्यूज़ और धर्म-कर्म से जुड़ी खबरें, आदि.अभी डाउनलोड करें ज़ी न्यूज़ ऐप.