मेरठ: अपहरण के बाद सामूहिक बलात्कार और जबरन धर्म परिवर्तन की शिकार युवती ने कडी सुरक्षा के बीच आज स्थानीय अदालत में अपना बयान दर्ज कराया जबकि घटना को लेकर आज भी खरखौदा और आसपास के इलाकों में तनावपूर्ण शांति देखी गई। पुलिस ने उसे अपर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) नीतू यादव की अदालत में पेश किया जहां उसने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया। इससे पहले अदालत के बाहर लोगों की भारी भीड़ के बीच पुलिस पीड़ित युवती को अदालत में लेकर पहुंची। अदालत के बाहर एहतियात के तौर पर भारी पुलिस तैनात थी। पीड़ित युवती के वकील अजय कुमार त्यागी ने बताया कि अदालत में पीड़ित युवती ने अपने बयान दर्ज करा दिए हैं। पुलिस के अनुसार अब पीड़ित युवती को गर्भाशय संबंधी परीक्षण कराया जाएगा।
पुलिस के अनुसार सोमवार को पीड़ित युवती का जिला डफरिन अस्पताल में अल्ट्रासाउंड और एक्सरे हुआ था जिसमें किडनी सुरक्षित बताई गई थी लेकिन रिपोर्ट में गर्भाशय स्पष्ट रुप से नहीं दिखाई पडने पर परिजन और पीड़ित के वकील ने गर्भाशय निकाले जाने की आशंका जताई थी। इस पर अस्पताल के डॉक्टर ने गर्भाशय संबंधी परीक्षण मेडिकल अस्पताल से कराने की सलाह दी थी।
खरखौदा क्षेत्र निवासी एक युवती का 23 जुलाई को अपहरण हुआ था। रविवार को किसी तरह अपहर्ताओं के चंगुल से से भाग कर युवती ने खुलासा किया था कि उसे हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर, मुजफ्फरनगर और देवबंद के मदरसे में कैद रखा गया था जहां उससे सामूहिक बलात्कार हुआ और धर्म परिवर्तन संबंधी शपथ पत्र पर उससे जबरन हस्ताक्षर करवाये गए। पीड़िता के परिवार की तहरीर पर पुलिस ने ग्राम प्रधान नवाब, सलाउल्ला, उसकी पत्नी और छह अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सलाउल्ला, उसकी पत्नी समरजहां और बेटे निशांत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।