ज़ी मीडिया ब्यूरो
न्यूयॉर्क/नई दिल्ली : भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े अमेरिका से भारत लौट गईं हैं। अमेरिका ने देवयानी को जी-1 वीजा दे दिया है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक भारत ने उन्हें वापस बुलाने का फैसला किया है। देवयानी न्यूयॉर्क से भारत के लिए रवाना हो गईं हैं। दरअसल, भारत ने अमेरिका के उस अनुरोध को ठुकरा दिया था जिसमें उसने देवयानी खोबरागड़े पर संरक्षण हटाने की मांग की थी।
देवयानी के वकील डेनियल अर्शेक का कहना है कि देवयानी के भारत वापस लौटते से वह बहुत खुश हैं। देवयानी ने अपने वकील से कहा कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है और वे चाहती हैं कि सबको सच्चाई पता चले।
अमेरिकी अटॉर्नी प्रीत भरारा ने जिला न्यायाधीश शीरा शींडलिन को लिखे पत्र में कहा कि 39 वर्षीय खोबरागड़े के खिलाफ आरोप बने रहेंगे और यदि वह राजनयिक छूट के बिना अमेरिका आती हैं तो उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। भरारा ने कहा कि ग्रैंड ज्यूरी ने राजनयिक पर उनकी नौकरानी संगीता रिचर्ड के वीजा आवेदन से जुड़ी वीजा धोखाधड़ी और झूठे बयान देने के लिए दो मामलों में अभियोग लगाया है।
भरारा ने अपने पत्र में कहा, ‘अभियोग के लिए अभी किसी अभियोग पत्र की जरूरत नहीं है। हम जानते हैं कि प्रतिवादी देवयानी को हाल में राजनयिक छूट मिली है। इसलिए ये आरोप तब तक बने रहेंगे, जब तक वह अदालत में आकर इन आरोपों का सामना नहीं करतीं। फिर चाहे वह ऐसा राजनयिक छूट हटने के बाद करें या बिना छूट के अमेरिका लौटकर। इस समय और अदालत के समक्ष उनके पेश होने के समय के बीच जो अंतर होगा, उसे स्वत: ही छोड़कर चला जाएगा। ऐसा अमेरिका के तीव्र सुनवाई कानून के तहत होगा, जो प्रतिवादी के उपलब्ध होने में हो रही देरी की अवधि को छोड़ने की अनुमति देता है।’
भारत वापसी के लिए विमान में सवार होते समय खोबरागड़े ने कहा, ‘मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे और आधारहीन हैं। मैं इनके गलत साबित होने की उम्मीद करूंगी।’ देवयानी खोबरागड़े ने यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया कि इस प्रकरण से उनके परिवार पर कोई स्थायी असर न पड़े। यहां खास तौर पर इशारा उनके बच्चों की ओर था, जो अभी भी अमेरिका में ही हैं। देवयानी को ‘इंडिया-यूएस हैडक्वार्टर्स एग्रीमेंट’ के तहत 8 जनवरी को पूर्ण राजनयिक छूट प्रदान की गई थी।
नौ जनवरी को अमेरिका ने भारत से अनुरोध किया कि वह खोबरागड़े की राजनयिक छूट खत्म कर दे लेकिन भारत ने इस अनुरोध को मानने से इंकार कर दिया। वर्ष 1999 बैच की विदेश सेवा अधिकारी देवयानी को अपनी नौकरानी के वीजा आवेदन में झूठी घोषणाएं करने के आरोप में 12 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 2.5 लाख डॉलर के मुचलके पर रिहा किया गया था।
राजनयिक की कपड़े उतरवाकर तलाशी ली गई थी और उन्हें अपराधियों के साथ बंद रखा गया था। उनके साथ इस तरह के व्यवहार के चलते दोनों देशों के बीच तल्खी पैदा हो गई थी। इसके जवाब में भारत ने अमेरिकी राजनयिकों के विशेषाधिकारों में कटौती कर दी थी।
देवयानी खोबरागड़े ने यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया कि इस प्रकरण से उनके परिवार पर कोई स्थायी असर न पड़े। यहां खास तौर पर इशारा उनके बच्चों की ओर था, जो अभी भी अमेरिका में ही हैं। देवयानी को ‘इंडिया-यूएस हैडक्वार्टर्स एग्रीमेंट’ के तहत 8 जनवरी को पूर्ण राजनयिक छूट प्रदान की गई थी।
देवयानी खोबरागड़े
देवयानी भारत के लिए रवाना, अमेरिका में चलेगा वीजा फ्रॉड केस का मुकदमा
भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े अमेरिका से भारत लौट गईं हैं। अमेरिका ने देवयानी को जी-1 वीजा दे दिया है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक भारत ने उन्हें वापस बुलाने का फैसला किया है। देवयानी न्यूयॉर्क से भारत रवाना हो गईं हैं।
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