यूक्रेन संकट: रूस पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाएगा जी-7

जी-7 देशों के नेताओं ने पूर्वी यूक्रेन को अस्थिर बनाने के रूस समर्थित प्रयासों पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि उन्होंने मॉस्को पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका जी-7 के सदस्य देश हैं।

वाशिंगटन : जी-7 देशों के नेताओं ने पूर्वी यूक्रेन को अस्थिर बनाने के रूस समर्थित प्रयासों पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि उन्होंने मॉस्को पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका जी-7 के सदस्य देश हैं। यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष ने भी जी-7 देशों द्वारा जारी संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए। इससे कुछ घंटों पहले अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और इटली के नेताओं से बात की थी।
संयुक्त बयान में कहा गया है, हम अब इस बात पर सहमत हो गए हैं कि हम रूस पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने की दिशा में तेजी से आगे बढेंगे। यूक्रेन में अगले माह होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनावों को सफल बनाने और इस दौरान शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक मतदान को सुनिश्चित करने की अत्यावश्यकता के मद्देनजर हम लक्षित प्रतिबंधों को लेकर तत्काल काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस बयान में नेताओं ने पूर्वी यूक्रेन को अस्थिर बनाने के रूस समर्थित अलगाववादियों के लगातार प्रयासों पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
नेताओं ने कहा, हम यूक्रेन के उन सकारात्मक कदमों का स्वागत करते हैं जो उसने 17 अप्रैल को यूक्रेन, रूस, यूरोपीय संघ और अमेरिका के बीच हुए जिनेवा समझौते की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत रूस ने जिनेवा समझौते के समर्थन में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
नेताओं ने कहा, उसने (रूस) न तो सार्वजनिक तौर पर समझौते का समर्थन किया, न ही यूक्रेन को अस्थिर बनाने की कोशिशों में लगे अलगाववादी समर्थकों की निंदा की और न ही सशस्त्र उग्रवादियों से सरकारी इमारतों को शांतिपूर्वक खाली करने और अपने हथियार डालने को कहा। इससे पहले ओबामा ने फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांकोइस होलांद, जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल, इटली के प्रधानमंत्री मांटियो रेंजी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन से पूर्वी यूक्रेन की चिंताजनक स्थिति पर बात की।
व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी करके बताया कि नेताओं ने 17 अप्रैल को हुए जिनेवा समझौते की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में उठाए गए यूक्रेन के सकारात्मक कदमों की सराहना की। बयान में कहा गया है कि रूस ने समझौते के समर्थन में कदम नहीं उठाए बल्कि उसने यूक्रेन की सीमा पर सैन्य गतिविधियों को जारी रख कर स्थिति को और तनावपूर्ण बनाया है।
(एजेंसी)

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