मंगल ग्रह के रहस्य सुलझाने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे भारत-अमेरिका

मंगल की कक्षा में अपने अपने अंतरिक्ष यान भेजने के बाद भारत और अमेरिका भविष्य में लाल ग्रह के रहस्यों की खोज और अन्वेषण के लिए साथ मिलकर काम करने पर सहमत हो गए हैं। अमेरिका का कहना है कि इससे दोनों देशों को और दुनिया को व्यापक स्तर पर लाभ होगा।

वाशिंगटन : मंगल की कक्षा में अपने अपने अंतरिक्ष यान भेजने के बाद भारत और अमेरिका भविष्य में लाल ग्रह के रहस्यों की खोज और अन्वेषण के लिए साथ मिलकर काम करने पर सहमत हो गए हैं। अमेरिका का कहना है कि इससे दोनों देशों को और दुनिया को व्यापक स्तर पर लाभ होगा।

इस संबंध में कल टोरंटो में अंतरराष्ट्रीय खगोलीय कांग्रेस (इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉटिकल कांग्रेस) से इतर नासा के प्रशासक चार्ल्स बोल्डेन और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के अध्यक्ष के राधाकृष्णन ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

दोनों पक्षों ने एक घोषणा पत्र (चार्टर) पर हस्ताक्षर किए जिसके अनुसार, नासा-इसरो मंगल कार्य समूह (नासा-इसरो मार्स वर्किंग ग्रुप) की स्थापना की जाएगी। यह समूह मंगल अभियानों के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने संबंधी क्षेत्रों की पहचान करेगा। नासा के प्रशासक चार्ल्स बोल्डेन और इसरो के अध्यक्ष के राधाकृष्णन ने एक अंतरराष्ट्रीय समझौते पर भी हस्ताक्षर किए जिसमें बताया गया है कि दोनों एजेंसियां ‘नासा-इसरो सिन्थेटिक एपर्चर रडार’ (एनआईएसएआर) मिशन पर किस तरह एक साथ काम करेंगी। एनआईएसएआर को वर्ष 2020 में प्रमोचित (लॉन्च) करने का लक्ष्य रखा गया है।

बोल्डेन ने बताया कि इन दोनों दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए जाने से नासा और इसरो की विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने तथा पृथ्वी पर जीवन में सुधार करने की दृढ़ प्रतिबद्धता का पता चलता है। नासा के प्रशासक ने कहा कि इस भागीदारी से हमारे दोनों देशों और पूरी दुनिया को फायदा होगा। संयुक्त मंगल कार्य समूह (मार्स वर्किंग ग्रुप) की भूमिका लाल ग्रह के बारे में अन्वेषण करने के संबंध में दोनों एजेंसियों के मध्य वैज्ञानिक, कार्यक्रम संबंधी और प्रौद्योगिकी आधारित साझा लक्ष्यों की पहचान और उनका कार्यान्वयन करने की दिशा में होगी।

इसमें कहा गया है कि समूह की बैठक साल में एक बार होगी जिसमें मंगल के लिए भावी मिशनों पर नासा-इसरो के बीच सहयोग सहित अन्य समन्वित गतिविधियों की योजना बनाई जाएगी। नासा का ‘मार्स एटमॉस्फियर एंड वोलेटाइल इवोल्यूशन’ (एमएवीईएन-मावेन) अंतरिक्ष यान 21 सितंबर को मंगल की कक्षा में पहुंच चुका है। एमएवीईएन मंगल के हल्के उपरी वातावरण के बारे में जानकारी और आंकड़े हासिल करने के लिए समर्पित पहला अंतरिक्ष यान है।

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