मोदी-ओबामा मुलाकात: आतंकवाद से निपटने, परमाणु मुद्दा समेत संबंधों को 'नई दिशा' देने पर भारत और अमेरिका सहमत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी पहली शिखर स्तरीय बैठक में भारत, अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को ‘नए स्तर’ पर ले जाने, असैन्य परमाणु करार को लागू करने में आ रही बाधाओं को दूर करने तथा आतंकवाद से लड़ने में परस्पर सहयोग करने की प्रतिबद्धता जताई।

मोदी-ओबामा मुलाकात: आतंकवाद से निपटने, परमाणु मुद्दा समेत संबंधों को 'नई दिशा' देने पर भारत और अमेरिका सहमत

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

वाशिंगटन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी पहली शिखर स्तरीय बैठक में भारत, अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को ‘नए स्तर’ पर ले जाने, असैन्य परमाणु करार को लागू करने में आ रही बाधाओं को दूर करने तथा आतंकवाद से लड़ने में परस्पर सहयोग करने की प्रतिबद्धता जताई। दोनों नेताओं के बीच लम्बी चली बातचीत में आर्थिक सहयोग, व्यापार और निवेश सहित व्यापक मुद्दों पर चर्चा की गई और मोदी ने अमेरिका में भारतीय सेवा क्षेत्र की पहुंच को सुगम बनाने की मांग की।

दोनों देशों के बीच अपने रक्षा सहयोग को 10 वर्ष और बढ़ाने पर सहमति बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी कंपनियों को भारतीय रक्षा उत्पादन क्षेत्र में भागीदारी करने का निमंत्रण दिया। दोनों के बीच पहले सीमित स्तरीय और फिर प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ताएं हुई जिनमें दक्षिण और पश्चिम एशिया में आतंकवाद के उभरते नये खतरे सहित एशिया प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता जैसे विषयों को लिया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दक्षिण और पश्चिम एशिया सहित विश्व में पनप रहे आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत और अमेरिका में आतंकवाद निरोधक पहल और इस संदर्भ में खुफिया सूचनाओं का आदान प्रदान करने पर सहमति बनी है। दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढाने पर भी सहमति बनी है। राष्ट्रपति ओबामा के साथ बातचीत में सुरक्षा वार्ता और रक्षा सहयोग से जुड़े साझा हितों के विषय पर चर्चा हुई। संयुक्त बयान के दौरान ओबामा ने कहा कि भारत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा की एक बड़ी ताकत के रूप में उभर रहा है। मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका स्वाभाविक वैश्विक साझेदार हैं जो साझा मूल्यों और हितों पर आधारित हैं। ओबामा ने कहा कि दोनों नेताओं ने व्यापार एवं आर्थिक सहयोग, अंतरिक्ष एवं वैज्ञानिक विकास के क्षेत्र में अनुसंधान विशेष तौर पर इबोला जैसी चुनौतियों से निपटने के विषय पर सहयोग बढाने के बारे में चर्चा की।

मोदी और ओबामा के बीच बैठक के बाद अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि भारत पश्चिम एशिया में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर बने ‘किसी गठबंधन’ में शामिल नहीं होगा। इसी प्रकार, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान में तय पायी त्रिपक्षीय साझेदारी सैन्य सहयोग के बजाय विकास के मुद्दे पर आधारित होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आतंकवादी समूहों और आपराधिक नेटवर्क की सुरक्षित पनाहगाहों को ध्वस्त करने में ‘संयुक्त और सतत प्रयासों’ का अर्थ यह नहीं है कि भारत और अमेरिका कोई अभियान चलाएंगे बल्कि संयुक्त राष्ट्र समर्थित अभियान में शामिल होंगे। मोदी और ओबामा के बीच व्यापक मुद्दों पर चर्चा हुई जिनमें रक्षा, सुरक्षा, उर्जा, अर्थव्यवस्था और अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग के बारे में चर्चा हुई और असैन्य परमाणु करार में आए गतिरोध को समाप्त करने के लिए महत्वपूर्ण फैसला किया गया। मोदी ने कहा कि हम असैन्य परमाणु ऊर्जा सहयोग में दोनों पक्षों से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के बारे में गंभीर हैं। यह भारत की उर्जा सुरक्षा की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक है। असैन्य परमाणु संयंत्रों से जुडी जवाबदेही, प्रशासनिक और तकनीकी मुद्दों के समाधान के लिए एक अंतर एजेंसी संपर्क समूह का गठन किया जाएगा।

भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों में और सुधार आने का विश्वास व्यक्त करते हुए मोदी ने राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ बातचीत में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भारतीय सेवा कंपनियों की पहुंच आसान बनाये जाने का मुद्दा उठाया। सामरिक भागीदारी को विस्तारित करते हुए ओबामा ने कहा कि भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) के मानकों को पूरा करता है और वह वैश्विक परमाणु व्यापार को नियंत्रित करने वाले 48 सदस्यीय विशिष्ट परमाणु आपूर्ति समूह (एनएसजी) का सदस्य बनने योग्य हो गया है । ओबामा ने प्रस्तावित विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सदस्यता के भारत के प्रयासों के प्रति अमेरिकी समर्थन को दोहराया तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक जैसी अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में उसके अपनी बात रखने और मतदान करने के अधिकार का भी समर्थन किया।

मुलाकात के दौरान मोदी ने ओबामा से अमेरिकी बाजारों के सेवा क्षेत्र में भारतीय कंपनियों की आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने को कहा। आतंकवाद रोधी सहयोग तथा सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताते हुए दोनों देश खुफिया सूचनाओं को साझा करने के लिए कदम उठाने पर भी सहमत हुए। अमेरिका भारत के प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा विश्वविद्यालय में ‘नालेज पार्टनर’ तथा भारतीय नौसेना में ‘टेक्नोलोजी पार्टनर’ के रूप में सहयोग देगा और भारत के ढांचागत परियोजनाओं के विस्तार में भी भागीदारी करेगा। इसके साथ ही इलाहाबाद, अजमेर और विशाखापत्तनम को ‘स्मार्ट सिटी’ के रूप में विकसित करने में भी अमेरिका मुख्य सहयोगी की भूमिका निभाएगा। दोनों देश मंगल अभियान में भी सहयोग करेंगे। आर्थिक क्षेत्र में दोनों देशों ने एफडीआई और निवेश तथा मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के अनुरूप भारतीय विनिर्माण क्षेत्र में भागीदारी के मुद्दे पर चर्चा की। दोनों ने अपने वित्तीय संस्थानों के नियमन के मुद्दे पर अपने केंद्रीय बैंकों के बीच सहयोग तथा सीमा पारीय बैंकिंग व्यवस्था पर भी सहमति जताई।

दोनों नेताओं ने विश्व व्यापार संगठन से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की और मोदी ने कहा कि भारत व्यापार सरलीकरण का समर्थन करता है लेकिन मेरी इच्छा है कि हमारी खाद्य सुरक्षा की चिंताओं का शीघ्र समाधान किया जाए। मुझे विश्वास है कि शीघ्र ही ऐसा करना संभव होगा। उन्होंने कहा कि मैं इन संबंधों को और प्रगति करते हुए देखना चाहता हूं। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि दोनों नेताओं ने व्यापार और अर्थव्यवस्था, अंतरिक्ष तथा विज्ञान और इबोला जैसी जानलेवा बीमारी की चुनौतियों से निपटने में सहयोग के बारे में चर्चा की।

मोदी के साथ शिखर स्तरीय बातचीत के बाद ओबामा ने कहा कि भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) के मानकों को पूरा करता है और वह वैश्विक परमाणु व्यापार को नियंत्रित करने वाले 48 सदस्यीय विशिष्ट परमाणु आपूर्ति समूह (एनएसजी) का सदस्य बनने योग्य हो गया है।

ओबामा ने कहा कि वह मोदी की गरीब समर्थक नीतियों और भारत की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के प्रयासों से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरी बातचीत के दौरान, मैं प्रधानमंत्री के भारत के न सिर्फ सबसे गरीबों की जरूरतों को पूरा करने और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के प्रयासों बल्कि उनके इस दृढ़ मत से भी प्रभावित हुआ हूं कि वे भारत को एक ऐसी बड़ी शक्ति बनाना चाहते हैं जो पूरे विश्व में शांति और सुरक्षा लाने में मदद कर सके। ओबामा ने कहा कि इसलिए मैं उन्हें इन चुनौतियों को लेने के लिए शुभकामनाएं देता हूं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि मैं भारत और अमेरिका के बीच दोस्ती के लिए बेहद आभारी हूं और मैं इस मुलाकात को और आगे बढ़ाने का इच्छुक हूं ताकि हम दोनों देशों और विश्व में प्रगति को जारी रख सकें। बीती रात एक निजी रात्रि भोज के दौरान ओबामा ने कहा था कि उन्होंने और मोदी ने अपना अधिकतर समय अर्थव्यवस्था पर चर्चा करने में बिताया। ओबामा ने कहा कि दोनों ने अंतरराष्ट्रीय स्थिति और सुरक्षा मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमने पश्चिम एशिया की चुनौतियों और वहां के हिंसक उग्रवाद तथा आईएसआईएल के खिलाफ लड़ाई जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की।

उधर, मंगल की कक्षा में अपने अपने अंतरिक्ष यान भेजने के बाद भारत और अमेरिका भविष्य में लाल ग्रह के रहस्यों की खोज और अन्वेषण के लिए साथ मिलकर काम करने पर सहमत हो गए हैं। अमेरिका का कहना है कि इससे दोनों देशों को और दुनिया को व्यापक स्तर पर लाभ होगा। इस संबंध में टोरंटो में अंतरराष्ट्रीय खगोलीय कांग्रेस (इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉटिकल कांग्रेस) से इतर नासा के प्रशासक चार्ल्स बोल्डेन और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के अध्यक्ष के राधाकृष्णन ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। (एजेंसी इनपुट के साथ)

Zee News App: पाएँ हिंदी में ताज़ा समाचार, देश-दुनिया की खबरें, फिल्म, बिज़नेस अपडेट्स, खेल की दुनिया की हलचल, देखें लाइव न्यूज़ और धर्म-कर्म से जुड़ी खबरें, आदि.अभी डाउनलोड करें ज़ी न्यूज़ ऐप.