यूक्रेन ने लामबंदी शुरू की, मर्केल ने रूस को दी चेतावनी

यूक्रेन ने रूस की विस्तारवादी धमकी से बचने के लिए गुरुवार को ताकत जुटाने की ओर कदम बढ़ाया, वहीं क्रीमियाई संकट पर जर्मनी ने रूस को चेतावनी दी है कि इससे उसकी अर्थव्यवस्था को और यूरोपीय संघ के साथ उसके संबंधों को लंबे समय में नुकसान पहुंच सकता है।

कीव : यूक्रेन ने रूस की विस्तारवादी धमकी से बचने के लिए गुरुवार को ताकत जुटाने की ओर कदम बढ़ाया, वहीं क्रीमियाई संकट पर जर्मनी ने रूस को चेतावनी दी है कि इससे उसकी अर्थव्यवस्था को और यूरोपीय संघ के साथ उसके संबंधों को लंबे समय में नुकसान पहुंच सकता है।
वेरखोवना रादा संसद ने 60,000 स्वयंसेवी तक का एक नये बल का गठन किए जाने का आम राय से समर्थन किया जो रूसी सैनिकों को क्रीमियाई प्रायद्वीप से आगे बढ़ने से रोक सकता है, जिसपर रूसी सैनिकों ने महीने की शुरूआत में कब्जा कर लिया था।
यूक्रेन की रक्षापंक्ति को सेना से बाहर के लोगों की मदद से मजबूत करने का नाटकीय फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा यूक्रेन के यूरोप समर्थित नये नेताओं के पीछे अपनी पूरी ताकत झोंकने के बाद किया गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रक्षा परिषद प्रमुख एंड्रीय पारूबी ने कहा कि नया नेशनल गार्ड देश की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, सीमा की रक्षा करेगा और आतंकवादी संगठनों का सफाया करेगा। यह एक ऐसी चीज है जिसे कीव में सशस्त्र मिलीशिया कहा जाता है। यूक्रेन की पारंपरिक सेना में 1, 30,000 सैनिक हैं जिनमें से आधे तो पुराने पड़ चुके हथियारों के भरोसे हैं जिनके सामने करीब साढ़े आठ लाख सैनिकों की क्षमता वाला रूसी बल खड़ा है, जिनकी सहायता के लिए परमाणु हथियार भी हैं।
यूरोप के पूर्वी हिस्से में यह संकट पिछले महीने उस वक्त पैदा हुआ जब क्रेमलिन समर्थित शासन को अपदस्थ कर दिया गया जिसपर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस पड़ोसी देश के खिलाफ बल प्रयोग करने की दिशा में आगे बढ़े। इससे पहले 2008 में रूस की जार्जिया से एक संक्षिप्त लड़ाई हुई थी। इस बीच, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा है कि यदि रूस यूक्रेन के संकट पर अपना मौजूदा रूख जारी रखता है तो उसे भारी राजनीतिक एवं आर्थिक परिणाम भुगतने होंगे। एंजेला ने संसद में कहा कि इस संकट का समाधान केवल कूटनीति से हो सकता है। (एजेंसी)

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