किसान भाइयों आय बढ़ाने के लिए हो जाइए तैयार! बंपर सब्सिडी लेकर करें प्याज की खेती, यहां करना होगा आवेदन
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किसान भाइयों आय बढ़ाने के लिए हो जाइए तैयार! बंपर सब्सिडी लेकर करें प्याज की खेती, यहां करना होगा आवेदन

Onion Farming Subsidy: विशेष उद्यानिक फसल योजना के तहत किसानों को प्याज के क्षेत्र में विस्तार के लिए निर्धारित लागत मूल्य में बंपर सब्सिडी दी जाएगी. ऐसे में किसानों के पास कम लागत में अपनी आय दोगुनी करने का अच्छा मौका है 

किसान भाइयों आय बढ़ाने के लिए हो जाइए तैयार! बंपर सब्सिडी लेकर करें प्याज की खेती, यहां करना होगा आवेदन

Onion Farming Subsidy: किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र में मोदी सरकारी और राज्य सरकारे लगातार प्रयासरत हैं. किसानों को सब्सिडी का लाभ भी दिया जा रहा है, ताकि किसानों पर खेती की लागत का बोझ कम हो और बेहतर उत्पादन मिले, जिससे उनकी आय में इजाफा हो. इसके लिए सरकार नगदी फसलों (Cash Crops) फसलों की खेती पर ज्यादा जोर दे रही है.

विशेषरूप से फल और सब्जियों की खेती के लिए किसान भाइयों को बढ़ावा दिया जा रहा है.  इसी कड़ी में बिहार सरकार की ओर से किसानों को प्याज की खेती (Onion Farming) करने पर बंपर सब्सिडी दी जा रही है. 

बिहार सरकार देगी इतनी सब्सिडी
जानकारी के मुताबिक नकदी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है. दरअसल, बिहार सरकार कृषि विभाग, उद्यान निदेशालय ने इस संबंध में अपने ट्वीटर हैंडल से एक ट्वीट किया है. ट्वीट में कहा गया है कि विशेष उद्यानिक फसल योजना के तहत किसानों को प्याज के क्षेत्र में विस्तार के लिए निर्धारित लागत मूल्य का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा.

जानकारी के मुताबिक बिहार सरकार की ओर से प्याज की खेती करने वाले किसानों के लिए 98 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर यूनिट कॉस्ट तय की है. इस पर खेतीहरों को 50 फीसदी तक की सब्सिडी यानी कि कुल रकम में से 49 हजार रुपये सब्सिडी के तौर पर मिलेंगे. जानकारी के मुताबिक सब्सिडी बक्सर, भोजपुर, नालंदा, पटना और शेखपुरा जिले में प्याज की फसल बोने वाले किसानों को मिलेगी.

किसान ऐसे करें विभाग से संपर्क
बिहार के ऐसे किसान जो राज्य सरकार की इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वे बिहार कृषि विभाग, उद्यान निदेशालय की ऑफिशियल वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर जाकर विजिट करें. यहां आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इस संबंध में डिटेल जानकारी के लिए अपने प्रखंड के उद्यान पदाधिकारी या जिला सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क कर सकते हैं. 

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