Investment: कमाए हुए पैसे को रखना है सेफ तो ये इंवेस्टमेंट ऑप्शन है कमाल का, मिलेगा रिटर्न
FD (Fixed Deposit) एक वित्तीय साधन है जो वित्तीय संस्थानों के जरिए पेश किया जाता है जो एक निश्चित अवधि के लिए निवेशक को रिटर्न की गारंटी का वादा करता है. 7 दिनों से लेकर 10 साल तक के लिए निवेशकों के पास अपने वित्तीय लक्ष्यों और लिक्विडिटी की जरूरतों के आधार पर अवधि चुनने का विकल्प होता है.
FD Interest Rate: इतने सारे निवेश विकल्पों के साथ सही माध्यम चुनना कभी-कभी भारी पड़ सकता है. कुछ निवेश के विकल्पों में जोखिम होता है तो कुछ निवेश के विकल्पों में जोखिम नहीं होता है. ऐसे में जो लोग अपनी कमाई को खोना नहीं चाहते हैं और थोड़ा रिटर्न भी चाहते हैं उनके लिए एक ऑप्शन काफी फिट बैठता है. यह विकल्प है- FD. फिक्स्ड डिपॉजिट के जरिए लोगों को कई सारे फायदे मिलते हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में...
एफडी
FD (Fixed Deposit) एक वित्तीय साधन है जो वित्तीय संस्थानों के जरिए पेश किया जाता है जो एक निश्चित अवधि के लिए निवेशक को रिटर्न की गारंटी का वादा करता है. 7 दिनों से लेकर 10 साल तक के लिए निवेशकों के पास अपने वित्तीय लक्ष्यों और लिक्विडिटी की जरूरतों के आधार पर अवधि चुनने का विकल्प होता है. निवेश साधनों के सबसे पुराने रूपों में से एक एफडी सभी उम्र के निवेशकों के बीच समय की कसौटी पर खरा उतरा है.
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शून्य जोखिम, बचत और निवेश
फिक्स्ड डिपॉजिट गारंटीड रिटर्न का वादा करता है और निवेशक के लिए कोई जोखिम इसमें नहीं होती है. अधिकांश निवेशकों के जरिए इसको शून्य जोखिम के लिए पसंद किया जाता है. यदि आप बचत करना शुरू करना चाहते हैं तो यह एक बढ़िया शुरुआत हो सकती है. एफडी खाते के साथ आप अपनी बचत को अलग रखना शुरू कर सकते हैं, साथ ही यह आपको गारंटीशुदा ब्याज दर अर्जित करने में भी मदद करता है.
बचत खाते से बेहतर ब्याज दर
एक बचत खाता आपको बनाए रखी गई शेष राशि पर ब्याज अर्जित करने में मदद करता है. हालांकि, एफडी की ब्याज दरें तुलनात्मक रूप से अधिक हैं. कुछ बैंक एफडी पर 7 फीसदी या इससे भी ज्यादा ब्याज दर ऑफर करते हैं.
टैक्स बचाने का विकल्प
आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत FD निवेशक एक वित्त वर्ष में अपनी टैक्सेबल इनकम से किए गए निवेश के लिए 1,50,000 रुपये तक की कटौती कर सकते हैं. यह गारंटीकृत रिटर्न अर्जित करने में आपकी सहायता करते हुए टैक्स भी बचाता है. टैक्स सेविंग डिपॉजिट अनिवार्य 5 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आते हैं और किसी भी परिस्थिति में इससे पहले इसे वापस नहीं लिया जा सकता है.
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