Emergency Fund: नए साल में इसका रखें ध्यान, मुसीबत के वक्त जब सब साथ छोड़ देंगे तो यही आएगा काम
Emergency Fund Benefits: मुसीबत किसी इंसान की जिंदगी में न आए तो ही बेहतर रहता है. हालांकि मुसीबत कभी भी बिना बुलाए जरूर आ जाती है. ऐसे में हमें हमेशा से ही उसकी तैयारी करके चलना चाहिए. कई मुसीबतें ऐसी भी होती है, जिनका हल आर्थिक तौर पर निकल सकता है.
New Year: नया साल शुरू हो चुका है. नए साल में लोगों को नए-नए काम भी करने होंगे. वहीं नया साल हमेशा लोगों के लिए नई उम्मीदें लेकर आता है. इस नए साल के मौके पर कुछ ऐसी भी चीजें हैं, जिनका हमें काफी ध्यान रखना चाहिए. नए साल के मौके पर हमें आपातकालीन स्थिति के लिए भी पहले से तैयारी करके रखनी चाहिए, ताकी कभी जरूरत पड़ने पर पहले से की गई तैयारी का लाभ मिल सके.
इमरजेंसी फंड
मुसीबत किसी इंसान की जिंदगी में न आए तो ही बेहतर रहता है. हालांकि मुसीबत कभी भी बिना बुलाए जरूर आ जाती है. ऐसे में हमें हमेशा से ही उसकी तैयारी करके चलना चाहिए. कई मुसीबतें ऐसी भी होती है, जिनका हल आर्थिक तौर पर निकल सकता है. ऐसे में हमेशा से इमरजेंसी फंड बनाकर चलना चाहिए. नए साल की शुरुआत के साथ ही एक इमरजेंसी फंड जरूर बना लेना चाहिए, ताकी मुसीबत के वक्त वो काम आ सके.
खर्चे पूरे करने में आएगा काम
Emergency Fund का अर्थ उस धन से है जिसे लोग वित्तीय संकट के समय उपयोग कर सकते हैं. एक आपातकालीन निधि यानी Emergency Fund का उद्देश्य एक सुरक्षा जाल बनाकर वित्तीय सुरक्षा में सुधार करना है, जिसका उपयोग किसी बीमारी या घर की बड़ी मरम्मत जैसे अप्रत्याशित खर्चों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है.
फंड में रखें कई महीनों का खर्च
एक Emergency Fund में नकद या अन्य अत्यधिक तरल संपत्ति होती है. एक Emergency Fund भविष्य की दुर्घटनाओं या अप्रत्याशित खर्चों के लिए एक वित्तीय सुरक्षा तंत्र की तरह काम करता है. Emergency Fund में आम तौर पर तीन से छह महीने का खर्च होना चाहिए. हालांकि 2020 के आर्थिक संकट और लॉकडाउन को देखते हुए कुछ विशेषज्ञों ने Emergency Fund में एक साल तक का खर्च रखने का सुझाव दिया है.
आपातकालीन स्थिति में आएगा काम
वहीं लोगों को अपने आपातकालीन निधियों को उन खातों में रखना चाहिए जो आसानी से सुलभ हों और आसानी से बंद भी किए जा सकें. इमरजेंसी फंड का निर्माण करने के लिए बचत, टैक्स रिफंड और अन्य अप्रत्याशित लाभ का इस्तेमाल किया जा सकता है. वहीं कुछ नियोक्ताओं ने इमरजेंसी फंड बनाने को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यक्रम भी चला रहे हैं.
पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं